कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : त्योहारों के मौसम में SECL के कोयलाकर्मियों के लिए खुशखबरी है. उन्हें प्रबंधन की ओर से 68 हजार 500 रुपए की रकम बतौर बोनस प्रदान की जाएगी. रांची में चली मैराथन बैठक के बाद प्रबंधन और श्रमिक नेताओं ने संयुक्त रूप से यह फैसला लिया है. हालांकि कोयला कर्मियों को उम्मीद थी कि बोनस की रकम एक लाख तक हो सकती है.

रांची में प्रबंधन और श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के बीच चली 9 घंटे की बैठक में दोनों पक्ष अपनी मांग पर अड़े रहे. श्रमिक संघ ने एक लाख की मांग रखी, तो प्रबंधन ने 60 हजार रुपए से अधिक नहीं देने की इच्छा जाहिर की. दिनभर दोनों पक्ष में खींचतान मची रही. रात 8 बजे सहमति बन सकी. साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (SECL) के 52 हजार समेत कोल इंडिया के 2.65 लाख कर्मियों को बोनस मिलेगा. 21 अक्टूबर तक कर्मियों के बैंक खाते में राशि जमा करा दी जाएगी.

कोल इंडिया के SECL समेत अन्य कंपनी में कार्यरत कर्मियों के बोनस का निर्धारण करने जेबीसीसीआई की स्टैंडराइजेशन कमेटी (मानकीकरण समिति) की बैठक एक दिन पहले सुबह 11 बजे शुरू हुई. संभावना जताई जा रही थी कि एक घंटे के भीतर बोनस पर सहमति बन जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ. श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने प्रॉफिट बेहतर बताते हुए एक लाख रुपए बोनस देने का प्रस्ताव रखा. प्रबंधन ने पिछले वर्ष के कम प्रॉफिट होने का हवाला देकर 60 हजार रुपए से शुरुआत की. दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे. प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण और कोयला उठाव प्रभावित होने की बात कह राशि बढ़ाने से इंकार कर दिया. यह भी कहा गया कि कई कंपनी नुकसान में हैं, इसलिए भुगतान में दिक्कत होगी. लंबी चली चर्चा के बाद श्रमिक संघ प्रतिनिधि ने अपनी डिमांड कम करते हुए 75 हजार कर दी, पर प्रबंधन पहले 64 हजार 500 और फिर 67 हजार 500 पर आकर रुक गया. इस बीच वार्ता विफल होने की संभावना बढ़ गई थी. आखिरकार रात 8 बजे दोनों पक्षों में 68 हजार 500 रुपए बोनस पर सहमति बनी और समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ.

ठेका मजदूरों को भी बोनस

एटक के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह ने कहा कि मानकीकरण समिति की बैठक में ठेका मजदूरों को बोनस देने पर सहमति बन गई है. इसका भुगतान भी जल्द किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी में कर्मियों के सेवानिवृत्त होने से मैनपॉवर में कमी आई है, इसलिए श्रमिक संघ ने एक लाख बोनस देने का प्रस्ताव रखा था.

कुछ कंपनियों में दो से तीन किस्त में भुगतान

बैठक में बोनस भुगतान को लेकर भी प्रबंधन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वर्तमान में डब्ल्यूसीएल समेत कुछ कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. कंपनी के अधिकारियों ने बैठक में स्पष्ट कर दिया कि 2 या 3 किस्त में बोनस का भुगतान किया जाएगा. पहली किस्त दुर्गा पूजा के पहले दी जाएगी. शेष किस्त बाद में भुगतान की जाएगी. श्रमिक संघ प्रतिनिधि इस पर ज्यादा आपत्ति करने की जगह सुविधा अनुसार राशि देने पर सहमत हो गए. एसईसीएल में कार्यरत कर्मियों को एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी. एचएमएस के केंद्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडेय का कहना है कि कोयला कर्मियों के बोनस को लेकर इस बार एतिहासिक फैसला हुआ है. 68 हजार 500 रुपए पर प्रबंधन ने सहमति जता दी है. बोनस का भुगतान दुर्गा पूजा के पहले 21 अक्टूबर तक किया जाएगा.

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