छत्तीसगढ़

मीजल्स और रूबेला की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की अपील

नारायणपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिले में अब तक कुल 227 संदिग्ध मीजल्स और रूबेला केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 07 मीजल्स और 03 रूबेला पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है। मीजल्स और रूबेला के लक्षणों में बुखार के साथ शरीर पर छोटे-छोटे दाने और चकत्ते होते हैं, जो कान के पीछे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल सकते हैं। यह संक्रमण अत्यधिक संक्रामक है और छींकने-खांसने के दौरान वातावरण में फैलता है, जिससे बच्चों को प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है।

स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताए हैं, जिनमें किसी भी बच्चे में मीजल्स और रूबेला के लक्षण पाए जाने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें। संक्रमित बच्चों को सामुदायिक स्थानों और स्वस्थ व्यक्तियों से दूर रखें। बच्चों को मीजल्स और रूबेला का पूरा टीका लगवाएं। टीका हर मंगलवार और शुक्रवार को उपस्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। जिले में मीजल्स और रूबेला का पर्याप्त डोज उपलब्ध है, और इसे किसी भी दिन स्वास्थ्य केंद्रों से प्राप्त किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि इस बीमारी से डरने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सही सावधानियां अपनाकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। संक्रमित बच्चों को विटामिन की दो खुराक 24 घंटे के अंतराल में देने के निर्देश भी दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी छात्रावासों और आश्रमों में मीजल्स का बूस्टर डोज लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिलेवासियों से अपील की गई है कि किसी भी नए मामले की जानकारी होते ही उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सूचित करें।

स्वास्थ्य केंद्रों में रोजाना मीजल्स और रूबेला का वैक्सीनेशन उपलब्ध है। वैक्सीनेशन के लिए सीएचसी ओरछा, सीसीपी आकाबेड़ा, सीसीपी कुंदला, सीसीपी सोनपुर, पीएचसी छोटेडोंगर, पीएचसी धौड़ाई, पीएचसी बेनूर, डीएच नारायणपुर, डीवीएस नारायणपुर स्वास्थ्य केंद्रों पर संपर्क किया जा सकता है।

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