Gariaband Maoist Encounter: गरियाबंद में मुठभेड़ में आठ लाख का इनामी माओवादी ढेर, पढ़िए कैसे तय होता है इन पर इनाम
Gariaband Maoist Encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में शुक्रवार देर शाम सुरक्षा बल और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें एक माओवादी मारा गया, जिसकी पहचान साकेत उर्फ योगेश उर्फ आयतु के रूप में हुई है। वह डीबीसी का सदस्य और शीर्ष माओवादी नेताओं का बॉडीगार्ड रह चुका था। उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था। सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए माओवादी को मार गिराया।

गरियाबंद(Gariaband Maoist Encounter)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में शुक्रवार देर शाम सुरक्षा बल और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें एक माओवादी मारा गया। मृत माओवादी की पहचान साकेत उर्फ योगेश उर्फ आयतु के रूप में हुई है।
ये डीबीसी (डिवीजन बॉडी काम्बैट) का सदस्य और शीर्ष माओवादी नेताओं का बॉडीगार्ड रह चुका था। उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था। गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि छत्तीसगढ़ ओडिशा की सीमा पर जिला बल सीआई-30 और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन के लिए भेजी गई थी।
ऐसे तय होता है इनाम
- 50 लाख से एक करोड़ के इनामी : पोलित ब्यूरो, सेंट्रल कमेटी
- 25 लाख के इनामी : स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य (एसजेडसीएम)
- 10 लाख के इनामी : कंपनी कमांडर
- 8 लाख के इनामी : डिविजनल कमेटी, बटालियन सदस्य, कंपनी सदस्य, डिप्टी व प्लाटून कमांडर
- 5 लाख के इनामी : प्लाटून सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य, लोकल ऑपरेशनल स्क्वायड, कमांडर, लोकल गुरिल्ला स्क्वायड कमांडर
- 3 लाख के इनामी : सेक्शन कमांडर
- 1 लाख के इनामी : एलओएस सदस्य, एलजीएस सदस्य, जनमिलीशिया सदस्य पर यह इनाम घोषित किया जाता है।
बस्तर के माओवाद मुक्त गांवों में बनेंगे बलिदानियों के स्मारक
बस्तर में माओवादी आतंक के काले अध्याय को मिटाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने “हमर बलिदानी योजना” शुरू की है। इसके अंतर्गत उन गांवों में स्मारक बनाए जाएंगे जो माओवादी आतंक का केंद्र रहे अब शांति की राह पर लौट आए हैं। स्मारकों से स्थानीय बलिदानियों की वीरता और योगदान को सहेजा जाएगा। ऐसे 500 स्मारक बनाए जाएंगे।