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शहर में भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस है जरूरी! जयसिंह के लिए 10 साल से एटीएम का काम कर रही नगर सरकार, अब बागी उषा तिवारी पर जयसिंह का नया दांव, क्या है योजना समझिए इस ख़बर में…

कोरबा में कांग्रेस की 600 करोड़ की डकैती—तीसरी बार महापौर की कुर्सी हथियाने की साजिश!

10 साल का कांग्रेस राज = भ्रष्टाचार, लूट, 10% कमीशनखोरी, कोरबा को राखड़ में बदलने की घिनौनी साजिश!

कोरबा नगर निगम पर 10 साल से कांग्रेस का कब्जा है, और इस दौरान 600 करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया! सूत्रों के मुताबिक, नगर निगम के हर ठेके, हर टेंडर, हर भुगतान में 5% से 10% तक सीधा महापौर और कांग्रेस नेताओं की जेब में जाता रहा! अब फिर से तीसरी बार नगर निगम पर कब्जा करने और जनता को लूटने की योजना बनाई जा चुकी है—इस बार मोहरा बनी हैं उषा तिवारी!

2014: पहला बड़ा खेल—बगावत का नाटक और भाजपा के वोट काटने की साजिश!

2014 में जब जय सिंह अग्रवाल को अपनी पत्नी रेणु अग्रवाल को महापौर बनवाना था, तो उन्होंने अपनी करीबी उषा तिवारी को कांग्रेस से बगावत कराकर निर्दलीय चुनाव लड़वाया! असल मकसद था भाजपा के पारंपरिक पूर्वांचली और रीवांचली वोटों को काटना, ताकि कांग्रेस को फायदा हो और रेणु अग्रवाल को महापौर की कुर्सी मिल जाए। योजना सफल रही—जनता ठगी गई, और कोरबा नगर निगम को लूटने का सिलसिला शुरू हो गया।

2019: दूसरा बड़ा खेल—अप्रत्यक्ष चुनाव में रबर स्टांप महापौर बिठाकर लूट का साम्राज्य खड़ा किया!

जब अप्रत्यक्ष चुनाव का समय आया, तो जय सिंह ने सत्ता, पैसा और दबाव का खेल खेला और अपने वफादार राजकिशोर प्रसाद को महापौर की कुर्सी पर बिठा दिया। इसके बाद लूट और तेज हो गई—हर ठेका, हर टेंडर, हर भुगतान में 5% से 10% तक सीधा महापौर और कांग्रेस नेताओं की जेब में जाता रहा! इस राजकिशोर को मेयर बनाने आरक्षण का भी मज़ाक उड़ाया गया और फर्जी जाति प्रमाणपत्र धरे राजकिशोर की आड़ में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला गया। भाजपा ने जांच कराई तो सर्टिफिकेट फर्जी निकल गया, अब तब में कार्रवाई सुनिश्चित है।

सूत्रों के अनुसार—10 साल में 600 करोड़ की लूट! नगर निगम को बनाया जयसिंह का एटीएम!

नगर निगम में कांग्रेस का मतलब है—भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, लूट और जनता के पैसों की बंदरबांट! सूत्रों के मुताबिक—

  • ✅ सफाई ठेका घोटाला: नगर निगम के सफाई ठेकेदारों को करोड़ों का भुगतान किया गया, लेकिन सफाई के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ! नगर निगम का पैसा महापौर और कांग्रेस नेताओं की जेब में गया।
  • ✅ सड़क घोटाला: 10 करोड़ की सड़क एक महीने में उखड़ गई, फिर भी ठेकेदार को पूरा भुगतान कर दिया गया!
  • ✅ अशोक वाटिका घोटाला: 11 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन पूरा प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया!
  • ✅ फोरलेन सड़क घोटाला: सीएसईबी से ध्यानचंद चौक तक बनी करोड़ों की सड़क बनने से पहले ही दरारों से भर गई! फिर भी ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया!
  • ✅ राखड़ माफिया का गोरखधंधा: कांग्रेस ने राखड़ माफियाओं से सांठगांठ कर कोरबा को राखड़ के ढेर में बदल दिया, जिससे प्रदूषण बढ़ा और जनता की सेहत पर बुरा असर पड़ा!

अब तीसरी बार नगर निगम पर कब्जे की कोशिश—उषा तिवारी को मोहरा बनाया!

अब जय सिंह अग्रवाल फिर से वही खेल खेलने की तैयारी कर चुके हैं! 2014 में जिसे बागी बनाकर निर्दलीय लड़वाया, उसी उषा तिवारी को अब कांग्रेस से टिकट दिलवा दिया! असल मकसद क्या है?

  • ❌ महापौर बनते ही भ्रष्टाचार का नया दौर शुरू होगा!
  • ❌ नगर निगम में फिर से 10% कमीशनखोरी चलेगी!
  • ❌ ठेकेदारों को मोटा कमीशन देकर जनता का पैसा लूटा जाएगा!
  • ❌ कोरबा को 5 साल और लूटने का मौका मिलेगा!

नगर निगम में कांग्रेस का मतलब = घोटाले, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और जनता के पैसे की लूट!

कोरबा की जनता के लिए यह निर्णायक समय है—भ्रष्टाचारियों को उखाड़ फेंकने का!

विधानसभा चुनाव में कोरबा की जनता ने जय सिंह को नकार दिया, अब नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस को सबक सिखाने का समय आ गया है!

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