बिलासपुर। बिलासपुर रेल मंडल के रायगढ़-झारसुगुड़ा सेक्शन में चौथी लाइन का कार्य व ईब स्टेशन को चौथी लाइन से जोड़ने के लिए रेलवे ने हावड़ा सेक्शन की 66 ट्रेनें रद कर दी है। पहले दिन बुधवार को यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ा। यात्री पूरे समय स्टेशन में गंतव्य पर पहुंचने के लिए वैकल्पिक ट्रेन के लिए भटकते रहे। 29 सितंबर तक यात्रियों को इसी तरह परेशानियों से जूझना पड़ेगा। इस कार्य के चलते हावड़ा- पुणे आजाद हिंद, मेल, टाटा – इतवारी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें प्रारंभिक स्टेशन से नहीं छूटी। इसके चलते किसी भी स्टेशनों में ट्रेन की सुविधा नहीं मिल पाई। इस सेक्शन के अलावा कटनी रेल खंड में भी यही स्थिति रही। यात्री गंतव्य तक पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन में ट्रेन की जानकारी लेते नजर आए। पर उन्हें सुविधा नहीं मिल पाई। इनमें कई ऐसे भी यात्री थे, जिन्हें इलाज के लिए जाना था। ऐसे यात्री स्टेशन में ही अधिकारियों से पूछते रहे कि अब वे गंतव्य तक कैसे पहुंचेंगे। हालांकि स्टेशन के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के पास यात्रियों की समस्या का समाधान नहीं था और न ही कोई जवाब दे पाए। हालांकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। निर्णय तो जोन स्तर पर हुआ है। बीमार के इलाज के अलावा कई छात्र भी थे। जिन्हें जाना था। पर अचानक ट्रेन रद होने के कारण वह भी नहीं पहुंच पाए। यात्री परेशान दिखे। इधर रिफंड लेने के लिए भी आरक्षण केंद्र में यात्रियों को जद्दोजहद करनी पड़ी। जितनी परेशानी रिजर्वेशन कराने के समय हुई थी, उसी स्थिति से टिकट रद कराने के लिए जूझना पड़ा। हालांकि रेल प्रशासन को उनकी परेशानियों से कोई लेना – देना नहीं है। आंदोलन का भी उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रेल प्रशासन जिस तरह बरताव कर रहा है, उससे यह तय है कि आने वाले दिनों में फिर किसी सेक्शन में अधोसंरचना से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए इसी तरह ट्रेन रद कर दी जाएगी।

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