छत्तीसगढ़

घर-घर जाकर बनाये जा रहे आयुष्मान कार्ड

आयुष्मान कार्ड से सालाना 5 लाख तक का होगा कैशलेस इलाज़

सुकमा (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। योजनांतर्गत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में और गांव गांव में कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। आपके द्वार आयुष्मान अभियान के तहत आयुष्मान मित्रों के द्वारा दूरस्थ बसाहटों में जाकर ग्रामीणों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं ताकि उन्हें शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।

कुल बनाये गए आयुष्मान कार्ड  : 

सुकमा जिले के आयुष्मान भारत योजना के जिला समन्वयक मीना बघेल ने बताया कि सुकमा जिले में कुल 82,324 पंजीकृत राशन कार्ड धारक हैं जिसके अनुसार कुल आयुष्मान कार्ड हितग्राहियों की संख्या 2,59,979 है जिसमें से 1,72,827 हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। बचे 87,152 हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया जारी है।

बुजुर्गों के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना  : 

अब 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। ऐसे बुजुर्गों को आयुष्मान वय वंदना योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना के तहत सभी मौजूदा बीमारियों का इलाज पहले दिन से कवर किया जाएगा। जिले में कुल 155 ग्रामीणों के आयुष्मान वय वंदना योजना के कार्ड बनाये गए हैं।

70+ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा  : 

इस पहल के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर आयुष्मान भारत के कार्ड बनाए जा रहे हैं। हाल ही में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को इसमें शामिल किया गया है, भले ही उनकी आय कुछ भी हो।

बुजुर्गों को घर बैठे लाभ  : 

शासन की इस जनकल्याणकारी पहल के तहत स्वास्थ्य कर्मी वरिष्ठ नागरिकों के घर जाकर उनका पंजीकरण कर रहे हैं और उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रदान कर रहे हैं। इससे उन्हें अस्पतालों में जाकर लंबी कतारों में लगने और जटिल कागजी प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं है।

स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण  : 

अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम, स्वास्थ्य कर्मी और अन्य सहयोगी कर्मचारी घर-घर जाकर सेवा प्रदान कर रहे हैं। उनका प्रयास यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी पात्र वरिष्ठ नागरिक इस योजना से वंचित न रह जाए। यह पहल सुकमा जिले  में बुजुर्गों को न केवल सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की ओर अग्रसर कर रही है, बल्कि उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने में भी सहायता कर रही है।

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