कोरबा: सर्वमंगला नगर के आजाद नगर में हाल ही में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया। यहां के शिक्षक और गोल्ड मेडलिस्ट सुरेश कुमार कैवर्त के पुत्र अखिलेश कैवर्त, इंडियन नेवी की 5 महीने की कठिन ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद अपने गांव लौटे। इस मौके पर पूरे सर्वमंगलानगर वार्ड और आजाद नगर ने अखिलेश का भव्य स्वागत किया, जिसमें पार्षद, प्रबुद्ध जन, युवा साथी और मुहल्ले वासी शामिल थे। दीप आरती, ढोल नगाड़े, आतिशबाजी और फूल मालाओं के साथ अखिलेश का स्वागत किया गया और गांव ने अपनी खुशी का इजहार किया।

अखिलेश कैवर्त के सोल्जर बनने का सफर प्रेरणादायक है। मात्र 15 वर्ष की उम्र में, देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की शहादत के दिन अखिलेश ने घंटों आंसू बहाए थे। इस घटना ने उनके मन में देश सेवा की भावना को और प्रबल किया। उनके माता-पिता ने भी अपने ऊंचे ख्वाबों को त्याग कर, इकलौते पुत्र को सोल्जर बनने की अनुमति दे दी।

अखिलेश ने अपने संघर्ष और सतत् अभ्यास से मात्र साढ़े सत्रह वर्ष की उम्र में अपने सपनों को साकार किया। अब वे एक अग्निवीर के रूप में भारतीय नौसेना में सेवा कर रहे हैं। अखिलेश ने अपनी इस सफलता पर कहा, “यह मेरे लिए सिर्फ एक नौकरी नहीं बल्कि जज़्बात हैं। मेरा सपना था कि मैं आजादी के दीवानों के पदचिह्नों पर चल कर देश की सेवा करूं, और आज मुझे वह अवसर मिल गया है। मुझे गर्व है कि मैं भारतीय सेना का हिस्सा हूं।”

अखिलेश की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कहानी उन युवाओं को नई राहें तलाशने और देश सेवा में जुटने के लिए प्रेरित करेगी। अखिलेश की मेहनत और देशभक्ति की भावना को सलाम। जय हिन्द!

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