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पांच साल में 80000 लोगों को रोजगार देगा कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र

मुंबई (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र अगले पांच साल में रोजगार के 60,000-80,000 नए अवसर पैदा करेगा। ये अवसर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के विकास, प्रौद्योगिकी व आपूर्ति शृंखला प्रबंधन जैसी भूमिकाओं में होंगे। टीमलीज सर्विसेज के मुख्य रणनीति अधिकारी सुब्बुराथिनम पी ने कहा, भारत में कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र तकनीकी, परिचालन व प्रबंधकीय पदों सहित विभिन्न भूमिकाओं में लगभग एक लाख लोगों को रोजगार देता है।

रोजगार के ये नए अवसर महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, यूपी, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे कृषि आधारित राज्यों में उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त, बंगलूरू, हैदराबाद, पुणे और गुरुग्राम जैसे कृषि स्टार्टअप हब भी रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कृषि प्रौद्योगिकी खेती के हर पहलू को हल करती है। इसमें बीज, उर्वरक, कीटनाशकों के लिए जल सिंचाई उन्नति से लेकर उन्नत कृषि मशीनरी तक पहुंच और उपज बेचने के लिए बाजार संपर्क सुविधा शामिल है।

हर साल 25 फीसदी बढ़ रहे कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप

अर्न्सट एंड यंग (ईएंडवाई) की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियां 24 अरब डॉलर का अवसर प्रस्तुत कर रही हैं। हालांकि, बाजार की पहुंच अब भी सिर्फ 1.5 फीसदी है। देश में 2022 में करीब 450 कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप थे, जिनकी संख्या हर साल 25 फीसदी की दर से बढ़ रही है।

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