नई दिल्ली।इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पांच दिवसीय भारत यात्रा पर जब रविवार को दोपहर नई दिल्ली पहुंचे तो उनका वैसा ही स्वागत हुआ जैसा कि पीएम नरेंद्र मोदी का जुलाई, 2017 में तेल अवीव पहुंचने पर हुआ था।

नेतन्याहू की आगवानी के लिए मोदी ने स्वयं एयरपोर्ट पर पहुंच कर यह जता दिया कि भारत भी दोस्ती निभाना बखूबी जानता है।

जिस तरह से नेतन्याहू ने मोदी के इजरायल दौरे के दौरान अधिकांश समय उनके साथ बिताया था वैसे ही मोदी भी अगले तीन दिनों तक कई कार्यक्रमों में इजरायली पीएम के साथ रहेंगे।

मोदी ने इस यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया है तो नेतन्याहू ने भारत को एक वैश्विक शक्ति कह कर संबोधित किया है।

मोदी और नेतन्याहू के बीच प्रगाढ़ होते व्यक्तिगत रिश्ते की झलक सोमवार को इनकी अगुवाई में होने वाली दोनों देशों की आधिकारिक वार्ता में भी दिखाई देगी।

दोनों नेताओं के बीच अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक के अलावा व्यक्तिगत मुलाकात भी होगी। इन दोनों बैठकों का एजेंडा तो काफी व्यापक है लेकिन कारोबार और रक्षा क्षेत्र में सहयोग सबसे अहम होंगे।

दोनों देशों के बीच कुल मिला कर नौ समझौते किये जाएंगे। इसमें पारंपरिक और गैर पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी हासिल करने से लेकर स्वास्थ्य व फिल्म निर्माण तक के क्षेत्र हैं।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक दोनों नेताओं की अगुवाई में होने वाली मुलाकात एक तरह से जुलाई, 2017 में बनी सहमति को आगे बढ़ाने वाला होगा।

मसलन, तब हमने एविएशन क्षेत्र को बेहद संभावनाओं वाले क्षेत्र के तौर पर चिन्हित किया था। पिछले छह महीनों में दोनो पक्षों के बीच कई स्तरों की बातचीत में उन क्षेत्रों का चयन किया गया है जहां एविएशन में हम आगे बढ़ सकते हैं।

एक तरह से यह बैठक मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों क ज्यादा व्यापक बनाएगी। भारत और इजरायल ने एक दूसरे को जल रणनीतिक साझेदार घोषित किया है। आने वाले दिनों में जल संरक्षण, सिंचाई वगैरह में कई स्तरों पर सहयोग होगा।

इजरायल की तरफ से जो तैयारी दिखती है उससे लगता है कि भारतीय बाजार के प्रति वहां के निवेशकों में काफी उत्सुकता है। नेतन्याहू के साथ 130 कारोबारियों का एक बड़ा दल भी भारत आ रहा है।

इसमें रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के साथ ही हेल्थ सेक्टर की भी कंपनियां हैं। इसमें द्रोण बनाने वाली इजरायल की बड़ी कंपनी एयरोनोटिक्स डिफेंस सिस्टम के अधिकारी भी है।

माना जा रहा है कि इजरायल की यह कंपनी भारत में साझेदार खोज रही है। इजरायली और भारतीय कंपनियों की एक विशेष बैठक सोमवार संध्या में आयोजित होगी जिसे मोदी और नेतन्याहू भी संबोधित करेंगे। नेतन्याहू नई दिल्ली और मुंबई में भारतीय कारोबारियों के साथ अलग से मुलाकात करेंगे।

आतंकवाद के खिलाफ होगा आह्वान

मोदी और नेतन्याहू के बीच होने वाली मुलाकात के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान में आतंकवाद के खिलाफ बेहद कड़ी भाषा के इस्तेमाल की संभावना जताई जा रही है।

आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश हमेशा से एक स्वर में बोलते रहे हैं। सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर इजरायल खुल कर भारत का पक्ष लेता है और भारत को हरसंभव मदद का आश्वासन भी देता रहा है।

नेतन्याहू मुंबई प्रवास के दौरान वर्ष 2008 के आतंकी हमले में मारे गये लोगों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।

उस हमले में इजरायल के भी कुछ नागरिक मारे गये थे। इस हमले में मारे गये एक इजरायली दंपत्ति का पुत्र मोशे भी नेतन्याहू के साथ भारत आया हुआ है।

रक्षा सहयोग होगा और प्रगाढ़

भारत अभी इजरायली हथियारों का दुनिया में सबसे बड़ा खरीददार देश है। हथियारों की अंतरराष्ट्रीय खरीद बिक्री पर नजर रखने वाली एजेंसी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में भारत ने इजरायल से 59.9 करोड़ डॉलर के हथियार खरीदे थे।

इससे ज्यादा राशि (1.6 अरब डॉलर) के हथियार भारत ने सिर्फ रूस से खरीदे थे। लेकिन अभी रक्षा क्षेत्र में कई ऐसे नए क्षेत्र हैं जहां भारत इजरायल की तकनीकी व निवेश चाहता है।

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