कोरबा। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार के मार्गदर्शन में एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केसरी के नेतृत्व में जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं शासकीय विद्यालयों, शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, मदरसों, निजी स्कुलों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के माध्यम से आगामी 10 अगस्त 2023 को 01 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर एवं किशोरियों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल का सेवन कराया जाना है तथा मॉपअप दिवस 17 अगस्त 2023 को किया जाना है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए सीएमएचओ ने बताया कि कृमि मुक्ति दिवस के दिन बच्चों को दवा सेवन अवश्य कराया जाना चाहिए जिससे कि बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का स्तर, बौद्धिक विकास के साथ एनीमिया के रोकथाम में सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या गंभीर परिणाम सामने ला सकती है। पेट के कीड़े कृमि के नियंत्रण को ध्यान दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। पेट में पाये जाने वाले कृमि जैसे राउंड वर्म, विहप वर्म तथा हुक वर्म शरीर पर गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। यह वर्म परिजीवि होते हैं जो भोजन और अस्तित्व के लिए मानव ओंतो में रहते हैं। कीड़े मानव शरीर के पोषक तत्वों का उपभोग करते हैं और लोगों में विशेषकर बच्चों में रक्त हानि खराब पोषण का कारण बनते हैं। देश मे कृमि संक्रमण बहुत अधिक है खासकर बच्चों में यह कृमि पाए जाते हैं पेट में कृमि होने की वजह से बच्चों में खून की कमी हो जाती है, विशेषकर लड़कियों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को कृमि मुक्ति दिवस एवं 17 अगस्त 2023 को मॉपअप दिवस पर 01 से 19 वर्ष के सभी बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा खिलाई जायेंगी। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल विकास विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से किया जाएगा।
दवा सेवन कराने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उम्र अनुसार दवा सेवन किया जाना है। जिसमें 1 से 2 वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं को एल्बेंडाजॉल की आधी गोली चूरा/पीस करके पानी के साथ मिलाकर चम्मच से पिलाई जावे, 2 से 3 वर्ष बालक एवं बालिकाओं को एल्बेंडाजॉल की एक पूरी गोली चूरा/पीस करके पानी के साथ सेवन कराया जाना है। 02 से 03 वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं को एल्बेंडाजॉल की एक पूरी गोली चूरा/पीस करके पानी के साथ सेवन कराया जाना है तथा 03 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को एक एल्बेंडाजॉल की पूरी गोली चबा कर पानी के साथ सेवन कराई जानी है। उन्होने बताया कि कृमि नाशक दवा (एलबेंडाजोल ) किशोर एवं किशोरियों के लिए सुरक्षित है बच्चों के शरीर में कृमि के कारण कुछ मामूली / हल्के / सामान्य प्रतिकूल प्रभाव जैसे जी मितलाना, उल्टी-दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान अनुभव होने की संभावना हो सकती है। जिसे स्कूल तथा आँगनबाड़ी केन्द्रों में ही देख-भाल करते हुए आसानी से ठीक किया जा सकता है। इन परिस्थितयों में बच्चों को खुली छायादार जगह में लिटाकर आराम कराए तथा पानी पिलायें। अगर कोई बच्चा पहले से बिमार है तो उसे एलबेंडाजोल की गोली ना दें।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार एवं सीएमएचओ डॉ. केशरी ने जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों तथा पात्र लाभार्थियों के पालकों से अपील किया है कि 01 से 19 वर्ष के बच्चों (बालक/बालिका) को कृमिमुक्ति दिवस पर स्कूल, कॉलेज तथा आँगनबाड़ी केन्द्रों में खिलाई जा रही एलबेंडाजोल की दवा तथा छूटे हुए बच्चों को मॉपअप दिवस 17 अगस्त को अवश्य खिलाएं। एलबेंडाजोल की दवा से एनिमिया कम और पोषण में सुधार, ग्रोथ और वनज बढना, मानसिक और शारीरिक विकास में सुधार बच्चों को सक्रिय और क्षमता में सुधार तथा अन्य संक्रमणों के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।