छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयेाग के अध्यक्ष ने ली अधिकारियों की बैठक
शासन द्वारा संचालित योजनाओं की हुई समीक्षा
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री के. पी. खाण्डे ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने विभागों मे संचालित शासकीय योजनाओं की जानकारी लेकर निर्देशित किया कि अनुसूचित जाति वर्ग के लिए लागू योजनाओं का लाभ इस वर्ग को अवश्य प्रदान करें। अजा वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ भेदभाव न हो और शासन द्वारा जारी निर्देशों के तहत प्रक्रिया का पालन करते हुए नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
अनुसूचति जाति आयोग के अध्यक्ष श्री खाण्डे ने बैठक में आयोग की गतिविधियों की जानकारी देते हुए इसके गठन और उद्देश्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक संस्था है। अनुसूचति जाति वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा के साथ ही इस वर्ग के साथ होने अन्याय पर अंकुश लगाना और पीड़ितों को न्याय दिलाना आयोग की प्राथमिकताओं में है। अध्यक्ष श्री खाण्डे ने बताया कि आयोग विशेष न्यायालय के रूप में कार्य करती है और आयोग की अनुशंसा को मानने की बाध्यता है। उन्होंने विभागीय कार्यालयों में अजा वर्ग अधिकारी-कर्मचारियों के साथ होने वाले प्रताड़नाओं पर भी जानकारी देते हुए बताया कि शासन द्वारा इस वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी को समझाइश, चेतावनी और फिर कार्यवाही की प्रक्रिया का प्रावधान हेतु निर्देशित किया गया है। किसी की गोपनीय चरित्रावली जानबूझकर दुर्भावनावश खराब नहीं किया जा सकता। उन्होंने सभी विभागो के अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य शासन द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ पात्र और जरूरतमंद हितग्राहियों को अवश्य प्रदान की जाए।
आयोग के अध्यक्ष ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि छात्रावास, आश्रमों में बच्चों को योजनाओं का लाभ निर्धारित नियमों के अनुसार मिलना चाहिए। समाज में अश्पृश्यता निवारण के लिए महत्वूर्ण अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना को बढ़ावा दिया जाएं उन्होंने अजाक पुलिस थाना में निर्धारित पदों पर पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना और पीड़ित पक्ष द्वारा कार्यवाही हेतु दिए जाने वाले शिकायत पत्र के आधार पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने तथा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने प्रकरण दर्ज कराने आने वाले पीड़ितों पर किसी प्रकार दबाव नहीं बनाने भी निर्देशित किया।
आयोग के अध्यक्ष श्री खाण्डे ने विलोपित शब्द हरिजन का उपयोग अनुसूचित जाति वर्ग के लिए नहीं करने, दाखिल खारिज से हरिजन शब्द को विलोपित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग क्रेडा, मत्स्य, स्वास्थ्य, पीएमजीएसवाई, उद्यान, उद्योग, श्रम, खाद्य, समाज कल्याण सहित अन्य विभागों की समीक्षा की। बैठक में अध्यक्ष श्री खाण्डे ने अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ न्याय करने, पीड़ितों को शासन द्वारा निर्धारित सहायता राशि के संबंध में सहयोग का आग्रह भी किया। उन्होंने कई विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की।
बैठक में श्री श्रीकांत कसेर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा शासन की योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को प्राथमिकता से दिलाने की बात कही। बैठक में श्री चेतन चंदेल सामाजिक प्रवक्ता, प्रतिनिधि श्री मनीराम जांगड़े, श्री यू. आर. महिलांगे आदि उपस्थित थे।