कोरबा। नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी और कूटरचना के मामले में लंबे समय से फरार आरोपी को आखिर गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में एक और धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ जिसमें पृथक से प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा।
पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि आरोपी दीपक दास महंत के द्वारा सोसायटी में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को झांसा देकर इंटरनेट से फार्म डाउन लोड कर उसमें लोगों का नाम दर्ज कर सहकारी सेवा समिति का सील चोरी छिपे निकालकर उक्त फार्मों में लगाकर फर्जी काल्पनिक हस्ताक्षर के जरिए 5 से 8 लोगों से 3 लाख 67 हज़ार रूपये का घोखाधड़ी किया गया। एक अन्य घटना में अपने परिचित के दोस्त से मिलकर उसके पिता को लोन दिलाने का झांसा देते हुए उससे उसका पासबुक, ए.टी.एम. कार्ड, पैनकार्ड तथा लिंक मोबाईल व मोबाईल का पासवर्ड भी बड़े शातिराना तरीके से सबंधित से लेकर उसके साथ भी 11 लाख रूपये का धोखाधड़ी की बात विवेचना के दौरान सामने आई है। उस संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर उस पर भी पृथक से कार्यवाही की जावेगी। दीपक दास महंत पिछले एक वर्ष से अधिक समय से फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी हेतु विशेष रूप से पता तलाश की जा रही थी। अथक मेहनत के बाद दीपक दास महंत पिता कार्तिक दास महंत 21वर्ष निवासी प्रेमनगर को ग्राम सिवनी चांपा से पकड़ा जा सका। आरोपी को थाना कुसमुण्डा लाकर यहां धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि के दर्ज प्रकरण में गिरफ्तार करते हुए जेल दाखिल कराया गया। उक्त कार्यवाही में निरीक्षक कृष्ण कुमार वर्मा, सउनि भानू प्रताप कुर्रे, प्रधान आरक्षक राजनारायण सिंह, चन्द्रशेखर विंध्यराज, नरेन्द्र पाटनवार की प्रमुख भूमिका रही।

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