मामला ग्राम खम्हरिया में बेदखली का


कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के द्वारा ग्राम खम्हरिया में बसे लोगों को यहां से बेदखल करने की कार्यवाही की जा रही है। इसका पुरजोर विरोध हो रहा है। ग्रामीणों के साथ खड़े होने के लिए एक दिन पहले महापौर राजकिशोर प्रसाद यहां पहुंचे तो आज राजस्व मंत्री एकाएक यहां पहुंच गए। जिस वक्त राजस्व मंत्री पहुंचे, एसईसीएल कुसमुंडा के महाप्रबंधक संजय मिश्रा के नेतृत्व में कार्यवाही के लिए बुलडोजर लेकर कर्मचारी पहुंचे थे। 
राजस्व मंत्री ने जीएम संजय मिश्रा के साथ बैठक की। ग्रामीणों के बीच बैठक के दौरान जब राजस्व मंत्री ने कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश का पालन के संबंध में महाप्रबंधक से पूछना चाहा तो जीएम कोई जवाब नहीं दे सके। राजस्व मंत्री ने कहा कि एसईसीएल जुबान की पक्की नहीं है समय पर न तो मुआवजा देते हैं और न नौकरी। किसी भी बसाहट में मूलभूत सुविधाएं एसईसीएल ने नहीं दी है। मकानों की हालत जर्जर है, सडक़ों का पता ही नहीं है और पानी की सप्लाई अक्सर बाधित रहती है। इन सवालों के बीच जीएम मिश्रा वहां से उठकर चलते बने। मौके पर उपस्थित मीडिया कर्मियों ने जीएम से आज की बैठक और कार्यवाही के संबंध में जानना चाहा तो कोई जवाब न देते हुए जनसंपर्क अधिकारी से बात कर लें कह कर वहां से रवाना हो लिए। यह भी कहा कि उन्हें बेइज्जती लग रही थी इसलिए यहां से जा रहा हूं। महाप्रबंधक के इस रवैय्ये को लेकर राजस्व मंत्री सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की है। 
बता दें कि कलेक्टर ने स्पष्ट तौर पर एसईसीएल को निर्देश दिए हैं कि ग्राम खम्हरिया के भू-विस्थापितों, भू-स्वामियों एवं जनप्रतिनिधि व एसईसीएल प्रबंधन की उपस्थिति में 24 अप्रैल 2023 को हुई बैठक में चर्चा के संबंध में कलेक्टर कार्यालय को अवगत कराया गया है। ग्राम खम्हरिया के मूल भू-स्वामियों के परिसम्पत्तियों का मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाए। पात्र भू-स्वामियों को विस्थापन लाभ दिया जाए। पुरानी बस्ती को मूलभूत सुविधाओं मंगल भवन, खेल मैदान, देव स्थल, तालाब व निस्तारी के लिए अलग से जमीन छोड़ा जाए। शेष मूल ग्रामवासी जिनके आश्रित 18 वर्ष से ऊपर हो चुके हैं उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था की जाए। लेकिन इस निर्देश को धता बता कर प्रबंधन द्वारा कोई चर्चा किए बगैर बुलडोजर लेकर गांव उजाडऩा शुरू कर दिया गया। 

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