कोरबा। फर्म कृष्णा एंड कंपनी के स्पेयर पार्ट्स की चोरी कर बिक्री करते हुए मालिक को लगभग 35 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले सेक्शन मैनेजर व जांजगीर-चाम्पा जिले के मालिक व कर्मचारी पर एफआईआर दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार कटघोरा थाना अंतर्गत ग्राम छुरी में कोरबा निवासी गौरव मोदी पिता अशोक मोदी की फर्म कृष्णा एंड कंपनी संचालित है। इसकी देखरेख गौरव मोदी के द्वारा की जाती है। इस संस्थान में विगत 2-3 वर्ष से मुनीर अहमद पिता सरफराज अहमद देवांगनपारा पठान मोहल्ला थाना कोतवाली स्पेयर पार्ट्स सेक्शन मैनेजर के पद पर पदस्थ रहा। उसके द्वारा जांजगीर-चाम्पा जिले में स्थित तिरूपति मोटर्स में कार्यरत देवेन्द्र देवांगन 40 वर्ष एवं जांजगीर-चाम्पा में तिरूपति मोटर्स के मालिक अविनाश मुरारका के साथ मिलकर छल किया गया। कृष्णा एण्ड कंपनी में मोटर पार्ट्स से संबंधित करोड़ों के सामान की देखरेख मुनीर अहमद के हवाले थी। जनवरी 2020 में जब मालिक गौरव मोदी के द्वारा सामानों की जांच और मिलान किया गया तो 20 से 25 लाख रुपए का पाटर््स कम मिला। मुनीर अहमद से कड़ी पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उसने स्पेयर पार्ट्स का सामान देवेन्द्र देवांगन को आधे दर पर बिक्री किया है। तिरूपति मोटर्स के मालिक अविनाश मुरारका को भी लगभग 10 लाख रुपए का स्पेयर पार्ट्स चोरी कर बिक्री किया है। अविनाश मुरारका के एक्सिस बैंक खाता में देवेन्द्र देवांगन के द्वारा लगभग 10 लाख रुपए जमा किया गया और इसी में से 3 लाख रुपए मुनीर अहमद ने उधार में प्राप्त किया। यह राशि 3-4 माह में लौटा दूंगा कहते हुए कृष्णा एंड कंपनी के मालिक गौरव मोदी को आश्वस्त किया लेकिन कोई रकम नहीं लौटाई गई। 
कृष्णा एंड कंपनी के संचालक गौरव मोदी ने लगभग 35 लाख की चोरी पकड़े जाने के बाद 10 जनवरी 2020 को कटघोरा थाना एवं 11 जून 2021 व 18 अगस्त 2021 को पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत किया। कोई कार्यवाही नहीं होने पर परिवादी गौरव मोदी ने कोतवाली में लिखित शिकायत की। जहां से 12 मार्च 2022 को धारा 155 का नोटिस देकर न्यायालय में जाने की सलाह दी गई। इसके पश्चात धारा 156 (3) के तहत गौरव मोदी ने कटघोरा न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायाधीश (जेएमएफसी) रमेश कुमार चौहान ने एफआईआर का आदेश जारी किया। आदेश के आधार पर कटघोरा थाना में मुनीर अहमद, देवेन्द्र देवांगन व अविनाश मुरारका के विरूद्ध धारा 457, 406, 411, 34, 420, 380 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

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