कोरबा। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिले के सभी विकासखण्डों में मलेरिया दिवस कार्यक्रम मनाया गया। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरिया से बचने के तरीके और उपचार के बारे में लोगों को जानकारी दी गई। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी से लोग अपनी जान तक गंवा देते हैं। मादा एनाफिलीज मच्छर के माध्यम से फैलता हंै। यह मच्छर एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे तक संक्रमण फैलाने का काम भी करते हैं जो खून में पहुंचकर शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है। इससे सिर में तेज दर्द, उल्टी, जी मितलाना, ठंड के साथ कंपकंपी, कमजोरी और थकान महसूस होना, शरीर में खून की कमी, मांसपेशियों में दर्द बुखार उतरते समय पसीना आता है। मलेरिया एक वैश्विक जन स्वास्थ्य समस्या है। इससे बचने के लिए घर के आस-पास नालियों में पानी जमा नही होने देना चाहिए जिससे मच्छर ना पनप पाए। मानसून एवं मानसून के बाद मच्छरों की संख्या अचानक बढ़ने लगती है। इससे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। मच्छर ठहरे हुए पानी में अंडे देती है, इसलिए पानी के सभी बर्तन, टंकी आदि को पूरी तरह से ढंककर रखने, सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु-पक्षियों के बर्तन व हांडी को सुखाकर सफाई करनी चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी ने बताया कि मलेरिया के लक्षणों का अनुभव होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। खून जांच एवं मलेरिया रोधी दवा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है।

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