कांकेर। शहीद की पत्नी को उसके पति के शहादत पर मिले 8 लाख रुपए चिटफंड कंपनी में डूब गए। कंपनी के एजेंट ने रकम तिगुना होने का झांसा दिया था। सोमवार को पीड़िता की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने एजेंट के खिलाफ जुर्म दर्ज करने के निर्देश दिए।
पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव से शिकायत करते हुए ग्राम नांदनमारा निवासी सुशीला सिन्हा ने बताया कि उनके पति शहीद दिलीप सिन्हा पुलिस विभाग में सहायक उपनिरीक्षक थे, जो नक्सली हमले में शहीद हो गए। उनकी शहादत के बाद सरकार से सहयोग राशि प्राप्त हुई थी।
जिसकी जानकारी ग्राम नारा निवासी अनमोल चिटफंड कंपनी के एजेंट आशाराम जैन को थी। आशाराम बार-बार मेरे घर आकर मुझे शहादत पर मिले 8 लाख रुपए को तिगुना करने का झांसा देते हुए अनमोल कंपनी में पैसा निवेश करने के लिए विवश किया। उस समय मेरे पति शहीद हुए थे, जिसके कारण मुझमें सोचने समझने का सामर्थ्य नहीं था। आशाराम ने मेरी बेटी रीना सिन्हा के नाम से 1.80 लाख, बबली के नाम से 1.89 लाख, बेटे नितेश सिन्हा के नाम से 1.89लाख और दुष्यंत सिंह के नाम से 1.89 लाख का निवेश करा दिया और समय पूरा होने पर 24 लाख 60 हजार रुपए मिलने का झांसा दिया था।
2015 में जब वह अनमोल इंडिया कंपनी के कार्यालय पहुंची तो वहां ताला लटका हुआ था। उसने आशाराम से मोबाइल पर संपर्क किया, जिस पर उसने कंपनी बंद नहीं होने की बात कही और कंपनी बंद होने की स्थिति में स्वयं की जमीन बेचकर राशि लौटाने का आश्वासन दिया। सुशीला सिन्हा ने बताया कि उसके बाद से आशाराम न तो मोबाइल उठाता है और न ही घर पर मिलता है। जब पैसे की मांग की तो उसने गाली-गलौच की और पुलिस में रिपोर्ट करने पर जान से मारने की मकी दी।
बैंक में झूठ बोलने को किया विवश
सुशीला सिन्हा ने बताया कि मैंने सारी राशि बैंक में रखी थी। आशाराम जैन ने दबाव बनाकर आठ लाख रुपए निकालने के लिए विवश किया। साथ ही बैंक में पूछने पर जमीन खरीदने की बात कहने को कहा।