कोरबा। आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना का विशेष पर्व चैत्र नवरात्र ऊर्जाधानी में हर्षोल्लासपूर्वक धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से रात तक मंदिरों में मां के दर्शन करने श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। जिले के ऐतिहासिक महत्व के देवी मंदिरों और दर्शनीय स्थलों पर भी लोगों का आना-जाना लगा हुआ है और श्रद्धापूर्वक यहां शीश झुका रहे हैं। मंदिरों सहित टोलियों में जसगीत की गूंज सुनाई दे रही है।
हसदेव नदी के तट पर मौजूद मां सर्वमंगला मंदिर कोरबावासियों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र है। यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। यही वजह है कि नवरात्र के दौरान यहां आस्था का जनसैलाब उमड़ रहा है। मां सर्वमंगला को जिले की पहली आराध्य देवी माना जाता है। साल के दोनों नवरात्र में मां सर्वमंगला की विशेष पूजा आराधना होती है। माता का यह मंदिर करीब 124 साल पुराना है, जिसे लेकर कोरबावासियों की आस्था काफी गहरी है। मंदिर परिसर में ही बरगद का विशाल पेड़ मौजूद है, जिसे करीब पांच सौ साल पुराना बताया जाता है। इसे मन्नतें पूरी करने वाला पेड़ माना जाता है। लोगों का मानना है कि इस पेड़ में रक्षासूत्र बांधकर जो भी मन्नत मांगी जाए वह अवश्य पूर्ण होती है, इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर माता के दरबार पहुंचते हंै। मां के दरबार में हजारों की संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित कराए गए हैं।
इसी तरह प्रसिद्ध देवी स्थलों मां मुड़ा दाई, कंकालीन देवी, भवानी मंदिर, सर्वेश्वरी मंदिर, कोसगईगढ़, देवपहरी की सिद्धिदात्री, मां मड़वारानी, वैष्णो दरबार, रानी गेट स्थित दुर्गा मंदिर, चैतुरगढ़ की महिषासुर मर्दिनी, एसईसीएल के कालीबाड़ी शिव मंदिर सहित सभी मंदिरों में भक्त बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

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