कोरबा। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने अपने पूर्व घोषित 5 चरण के आंदोलन के तहत शनिवार को सुबह 5 बजे से लगभग 11 घंटे तक गेवरा खदान के मिट्टी, कोयला, परिवहन कार्य को पूरी तरह से ठप्प करा दिया। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएमडी को ज्ञापन सौंपने के बाद इस आंदोलन को शुरू किया गया है।
अपने पूर्व चेतावनी के अनुरूप आज सुबह से ही गेवरा खदान परिक्षेत्र में हजारों की संख्या में भूविस्थापितों ने कब्जा कर लिया जिससे ओव्हर बर्डन, कोयला और परिवहन कार्य में लगे सारे स्थानों का कामकाज पूरी तरह से ठप्प पड़ गया। प्रदर्शन के कारण साइलो, रेलवे ट्रेक और परिवहन में लगे वाहनों के पहिए थम गए।
ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा है कि पिछले 60 सालों से देश के विकास में कुर्बानी देने वाले किसानों की सुध लेने की फुर्सत नहीं है और दूसरी ओर उत्पादन का विश्व रिकार्ड बनाकर अधिकारी अपना कद बढ़ाने में ही लगे हैं। रोजगार के भटक रहे भू-विस्थापितों को नियम और नीति का हवाला देकर उलझाया जा रहा है। 2012 कोल इंडिया पालिसी लागू कर 2004 के अर्जन के मामले में भी छोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित कर दिया गया है। अपना सब कुछ खोकर अब ये भू-विस्थापित परिवार के बच्चे कहां जाएंगे, उनके बारे में ठोस नीति अपनाना होगा। सचिव विजय पाल सिंह ठाकुर ने कहा आंशिक अधिग्रहण के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जब तक पूर्ण अधिग्रहण नहीं किया जाएगा किसी भी गांवों में एक इंच जमीन नहीं दी जाएगी।
इस आंदोलन को गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी और इंटक ने अपना समर्थन दिया। आंदोलन में प्रमुख रूप से गेवरा एरिया के अध्यक्ष दीपक यादव, रुद्र दास महन्त, दीपका अध्यक्ष बसंत कंवर, कुलदीप सिंह राठौर, संतोष दास महंत, ललित महिलांगे, संतोष चौहान, बृज कंवर, बबीता आदिल,े दिलहरण महंत, दशरथ बिंझवार, गोपाल बिंझवार, भागीरथ यादव, संदीप कंवर, उदल राम यादव, जगदीश पटेल, प्रीतम दास, गनपत कँवर,राजकुमार,सुशीला कँवर, मदन कुँवर, समारु दास, गोंडवाना पार्टी से सुरेश पोर्ते, प्रभा पोर्ते, अनूप मरावी, राधे, देव सिंह मरकाम, राजू यादव, जीवराखन, जयसिंह, हर सिंह, हरीश, रुकमणी, प्रमिला, रतन बाई, कमलाबाई, जानकी, इंटक से नरेन्द्र सोनी, खगेश बरेठ, अभिषेक कंवर, संत चौहान, संतोष दास, घासी राम भारद्वाज, बिंदेश ढीमर, कैलाश कर्ष, मनोज कंवर, बिन्देश कुमार, शिवचरण चौहान, चामु, मणिशंकर साहू, रोहित दास, किशन कुमार, पुलेन्दर सिंह, राघवेन्द्र सिंह राठौर, अशोक साहू, फूलेन्द्र सिंह, दयाराम सोनी, विद्याधर, सीमा सोनी, अशोक साहू, दीपेश सोनी, शिवलाल साहू, निधी साहू, सोनी मनहर, गुरूवारी बाई, गीता देवी, सुनीता, नेहादास, आराधना सोनी, पिंकी, लता साहू, अहिल्याबाई, बंशी, काशीनाथ सहित हजारों भू-विस्थापित शामिल हुए।