कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुआई में ढेलवाडीह कोयला खदान से प्रभावित गांव ढ़पढ़प कसरेंगा में पेयजल संकट एवं खदान के कारण गांव में कुआं, बोरवेल और घरों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति मुआवजा देने की मांग को लेकर सुबह 6 बजे से ढेलवाडीह खदान के मुहाने पर बैठ कर ग्रामीणों ने हड़ताल किया।
किसान सभा ने एक सप्ताह पूर्व में ही आंदोलन की चेतावनी एसईसीएल प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन को दी थी लेकिन प्रबंधन और प्रशासन पेयजल समस्या को हल करने के प्रति उदासीन रहा जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने खदान बंद कर दिया। किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर और प्रशांत झा ने कहा कि कोरबा जिला पूर्ण रूप से खदान प्रभावित क्षेत्र है और एसईसीएल कोयला उत्पादन के नए कीर्तिमान का जश्न मना रही है। दूसरी ओर एसईसीएल किसानों की जमीन लेने के बाद गांव की मूलभूत सुविधा पानी भी प्रभावित गांव में उपलब्ध नहीं करा रही है जिसके कारण प्रभावित गांव के ग्रामीण पानी के लिए भटक रहे हैं। निस्तारी और मवेशियों के लिए भी जल संकट गहरा गया है। ढ़पढ़प पंचायत के शंकर देवांगन, नरेंद्र यादव, दुलार सिंह, पूरन सिंह ने कहा कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक खदान बंद रहेगा।
आंदोलन में दामोदर श्याम, रेशम यादव, अनिल बिंझवार, गणेश बिंझवार, दीनानाथ, शिव नारायण बिंझवार, देव नारायण यादव, सुनीला बाई, सुभद्रा, सीता, सुमित्रा के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
प्रदर्शन के दौरान प्रबंधन ने तत्काल टैंकर के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने के साथ अन्य समस्याओं के संबंध में ग्रामीणों से वार्ता की। प्रबंधन ने पेयजल समस्याओं का एक सप्ताह में निराकरण करने के साथ ग्रामीणों के घर, कुंआ, बोर को हुए नुकसान के संबंध में 29 मार्च को ढेलवाडीह में बैठक कर आगे कार्यवाही का लिखित आश्वासन ग्रामीणों को दिया जिसके 3 घंटे बाद खदान बंद आंदोलन समाप्त हुआ। किसान सभा और ग्रामीणों ने प्रबंधन को 7 दिवस में कार्य होता नहीं दिखने पर 1 अप्रैल को पुन: खदान बंद करने की चेतावनी दी है।