कोरबा। विद्या भारती के द्वारा शिक्षा विमर्श एवं शिक्षा के क्षेत्र में सरस्वती शिशु मंदिर सहित अन्य शिक्षण संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों व शिक्षा की संस्कृति को समृद्ध बनाने के लिए 1 जनवरी से जन संवाद अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत पूर्व छात्र एवं पूर्व आचार्य विद्या भारती के विचार आम जन तक पहुंचाएंगे।
उक्त जानकारी विद्या भारती के अध्यक्ष जुड़ावन सिंह ठाकुर ने प्रेस क्लब में आहूत पत्रवार्ता में देते हुए कहा कि समग्र विकास का आधार बच्चों का सर्वांगिण विकास है। इसी भावना से विद्या भारती द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर, एकल विद्यालय ग्राम भारती विद्यालय जैसी संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में 1100 संस्थाएं चल रही हंै। इन संस्थाओं में कोरबा के सरस्वती शिशु मंदिर सबसे आगे हैं। विद्या भारती के द्वारा संस्कार केन्द्र भी चलाए जाते हैं। इन्हीं योजनाओं और सामाजिक कार्यों के संबंध में आम लोगों तक संपर्क बनाए जाने हेतु विद्या भारती ने जन संवाद कार्यक्रम शुरू किया है जिसे एक अभियान का रूप दिया गया है। एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अभियान के तहत संस्था के पूर्व पदाधिकारी, पूर्व आचार्य और पूर्व छात्रा सभी आम जन तक पहुंचकर विद्या भारती द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में लोगों को अवगत कराएंगे। सरस्वती शिक्षण समिति के सचिव जोगेश लाम्बा ने कहा कि शिक्षा के व्यवसायिकरण से संस्कृति खत्म हो रही है जिसे बचाने के लिए विद्या भारती के संस्कार केन्द्र शहर से गांव तक चल रहे हैं। पत्रवार्ता में विद्या भारती के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष चंद्रकिशोर श्रीवास्तव एवं प्राचार्य राजकुमार देवांगन भी उपस्थित थे।
0 प्ले स्कूल की तर्ज पर शिशु वाटिका
जिले में चल रहे सरस्वती शिक्षण संस्थान में प्ले स्कूल की तर्ज पर शिशु वाटिका खोले जाएंगे जिसमें छोटे बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें भी अंग्रेजी स्कूल के बच्चों की तरह अंग्रेजी में दक्ष बनाने की दिशा पर कार्य किया जाएगा। वर्तमान में सभी सरस्वती शिक्षण संस्थान में गुरूवार को अंगे्रजी बोलने का अभ्यास कराया जाता है।