कोरबा। तुलसी साहित्य अकादमी, बिलासपुर द्वारा लोचन प्रसाद पाण्डेय की जयंती मनाई गई। माँ सर्वमंगला मंदिर प्रांगण में साहित्य समागम का शुभारंभ माँ सर्वमंगला का पूजन व लोचनप्रसाद पाण्डेय के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। छत्तीसगढ़ के पुरातत्ववेत्ता व साहित्य पुरोधा लोचन प्रसाद पाण्डेय के योगदान को याद किया गया। माँ सर्वमंगला के पुजारी तथा कथाकार व कवि राजेंद्र कुमार पाण्डेय का साहित्यिक अभिनन्दन किया गया। काव्यांजली के माध्यम से नवोदित व वरिष्ठ रचनाकारों ने लोचन प्रसाद के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। मुख्य अभ्यागत डॉ. विनय पाठक ने लोचन प्रसाद पाण्डेय की जीवनी व छत्तीसगढ़ नव निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित करते हुये बताया कि हिंदी के परिष्करण तर स्वच्छंद वाद को आगे लाने में उनका योगदान था। विशिष्ट अतिथि राजेंद्र कुमार उपस्थित रहे। इस अवसर पर तुलसी साहित्य अकादमी के दिलीप अग्रवाल, डा. राघवेंद्र दुबे, डॉ.अरुण कुमार यदु, मुकेश चतुर्वेदी, गेंदलाल शुक्ल, जगदीश श्रीवास, एके यदु, गीता विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे। स्थानीय रचनाकारों ने समसामयिक कवितायें प्रस्तुत किया। द्वितीय सत्र काव्यांजली का संचालन जितेंद्र वर्मा तथा आभार प्रदर्शन मुकेश चतुर्वेदी ने किया।