0 हर जनपद से 40-40 हजार रुपए की वसूली व कमीशन का आरोप
कोरबा। मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी के द्वारा रोजगार सहायकों को आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। परेशान रोजगार सहायकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है। 
जनपद पंचायत कोरबा के मनरेगा अंतर्गत कार्यरत रोजगार सहायकों ने कहा है कि वे पिछले 15 वर्षों से विभिन्न पंचायत में  पदस्थ हैं। जिला पंचायत में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी संदीप डिक्सेना के द्वारा लगातार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। हाल ही में एनएलएम दिल्ली की टीम जनपद पंचायत में मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण करने आई थी। उनके गाड़ी से लेकर आने-जाने, खाने-रहने की व्यवस्था के लिए पूरे जिला के हर जनपद से दबाव बनाते हुए 40-40 हजार रुपए लिया गया। रोजगार सहायकों ने जिलाधीश को बताया कि हर वर्ष ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य करवाया जाता है उसका 2 प्रतिशत जिला पंचायत मनरेगा शाखा में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी के द्वारा मांग किया जाता है और पिछले 3 वर्षों से मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर घर-परिवार से उधारी मांगकर अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में दिया जाता रहा है। कमीशन नहीं देने पर पंचायत के हर कार्य को जांच कराने की धमकी दी जाती है। ग्राम रोजगार सहायकों ने कलेक्टर को अवगत कराया कि इस तरह की धमकी से से सभी मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान हैं। यदि संदीप डिक्सेना का यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब रोजगार सहायकों को स्वत: ही काम छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। रोजगार सहायकों ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि जनपद पंचायत के प्रत्येक ग्राम पंचायत के रोजगार सहायकों से बयान लिया जाए व संबंधित पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। 

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