0 एक ही पंचायत में 3 वर्ष से पदस्थ सचिवों का स्थानांतरण के निर्देश
0 गोधन न्याय योजना में लापरवाही क्षम्य नहीं, हटाए गए नोडल 


कोरबा। कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना में लापरवाही बरतने वाले तथा 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही ग्राम पंचायत में पदस्थ ग्राम सचिवों के स्थानांतरण करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम भुलसीडीह के गोठान में 8 वर्मी टांके खाली होने पर वहां पदस्थ नोडल ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के एक माह के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए। 
राज्य शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना और नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के जिले में सक्रिय संचालन के लिए जिला प्रशासन गंभीर है। इसी तारतम्य में कलेक्टर संजीव झा ने बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में गौठानों के नोडल अधिकारियों और ग्राम पंचायत सचिवों की समीक्षा बैठक ली। ग्राम भुलसीडीह के गोठान में 8 वर्मी टांके खाली होने पर वहां पदस्थ नोडल ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती गिरजा साहू के एक माह के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए। शासकीय योजनाओं के कार्यों में लापरवाही बरतने पर सचिवों के ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश पर ग्राम पंचायत केरवा के सचिव परमेश्वर सोनी का सेंदुरगढ़ स्थानांतरण कर केराकछार के सचिव धनसिंह कंवर को केरवा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। कलेक्टर ने बैठक में गोठानों में गोबर से भरे टांके, टांकों में केंचुआ की उपलब्धता, गोबर खरीदी, पंजीकृत विक्रेता और सक्रिय विक्रेता की जानकारी ली। खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट निर्माण और गौठान में किए गए व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्राम वार गोठान की समीक्षा करते हुए गोठान में पर्याप्त मात्रा में वर्मी कंपोस्ट निर्माण नहीं होने पर गहरी नाराजगी जताई। नकिया गोठान के नोडल श्रवण कुमार को एक वर्मी टांका में वर्मी खाद हेतु मात्र 1 किलो ग्राम केंचुआ डालने की जानकारी दिये जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने नोडल द्वारा गोधन न्याय योजना में रुचि नहीं लेने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर नोडल से हटाने के निर्देश दिए। कार्यो में  लापरवाही बरतने वाले सचिवों एवं गोठान नोडल को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर, उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला, कोरबा जनपद सीईओ सुश्री रुचि शार्दुल आदि उपस्थित रहे। 
0 तय मापदंडों के अनुसार समय सीमा पर हो खाद का निर्माण
 कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि गोबर खरीदी और वर्मी कंपोस्ट निर्माण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खरीदे गए गोबर से सही अनुपात में वर्मी कंपोस्ट निर्माण की जाए। खरीदे गए गोबर के 40 प्रतिशत गोबर का वर्मी कंपोस्ट में अनिवार्य रूप से रूपांतरण किया जाए। 60 दिन के भीतर वर्मी कंपोस्ट निर्माण रूपांतरण सुनिश्चित करें। गोठान में वर्मी टांका खाली नहीं रहना चाहिए। वर्मी खाद निर्माण के लिए स्व सहायता समूह के सदस्यों की बैठक लेकर खाद निर्माण के लिए उन्हें प्रेरित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आवर्ती चराई के अंतर्गत कार्य प्रगति को लेकर निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि गोबर खरीदी के लिए पंजीकृत विक्रेताओं को सक्रिय रखा जाए और समय-सीमा पर खाद निर्माण किया जाए। गौठानों के लिए गांव के ही प्रचलित चरवाहों को कार्य पर नियोजित कर उनका गोबर विक्रेता के रूप में पंजीयन कराया जाए जिससे उनके लिए अतिरिक्त आय का साधन बने।

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