पाली (हिमांशु डिक्सेना) – नगर पंचायत पाली की पेयजल समस्या से निपटने के लिए लगभग 12 करोड़ की लागत से जल आवर्धन योजना को मूर्त देने कार्य जारी है। लेकिन इस योजना से समस्या के निराकरण के दावे पर प्रश्नचिन्ह भी लग रहा है।

इस जल आवर्धन योजना के तहत गांजर नाले पर मुनगाडीह एनीकट का निर्माण कर वहां से पाइप लाइन के जरिए पानी नगर पंचायत पाली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कर यहाँ तक पानी पहुंचाया जाएगा और यहां से पानी टंकी के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करना प्रस्तावित है जिसके लिए शासन की ओर से 12 करोड रुपए स्वीकृत हुआ है। यह कार्य पीएचई की देखरेख में हो रहा है। वर्तमान में इस योजना को मूर्त रूप देने दो पानी टंकी ( शासकीय महाविद्यालय के पास और इंदिरा नगर नया बस स्टैंड के पास ) निर्माण हो चुका है। वहीँ   मुनगाडीह में गांजर नाले पर एनिकट का निर्माण किया जा चुका है। शेष कार्य जारी है इसके पूरा होने में फिलहाल समय लगेगा/ लेकिन इस योजना से नगर वासियों को कितना लाभ होगा इस पर प्रश्न चिन्ह भी लग रहा है ? क्योंकि तकनीकी तौर पर अथवा स्वाभाविक दृष्टिकोण से जिस एनीकट से पाली तक पानी आपूर्ति होगी वहाँ वर्तमान में एक बूंद पानी नही है। गर्मी के इस मौसम में एनीकट में धूल उड़ता दिख रहा है ।एनीकट पूरी तरह सुख चुका है। एन गर्मी के मौसम में जब पेयजल की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, ऐसे मौसम में पानी की एक बूंद नहीं होना योजना के क्रियान्वयन पर प्रश्नचिन्ह लगाता है ।हालांकि पीएचई इस का हल ढूंढने में लगी है और सूत्रों के अनुसार भावी सराईपाली ओपन कास्ट कोल परियोजना खदान से निकलने वाले पानी को विकल्प के तौर प्रयुक्त किये जाने की चर्चा है। लेकिन अभी खदान ही नहीं खुला है और यह कब खुलेगा यह secl भी नही बता पा रहा है।दूसरी ओर पूर्व में इस योजना के तहत सैला बांध जलाशय से पानी लाना प्रस्तावित था इसको पहले ही निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में करोड़ों रुपए की इस परियोजना के लिए पानी कहां से आएगा यह एक बड़ा प्रश्न है…?

*खुदाई कार्य पर लगाई रोक*

नगर पंचायत में वर्तमान में इस कार्य के क्रियांवयन को लेकर शासकीय महाविद्यालय से लेकर चैतुरगढ़ मार्ग ,शांति नगर, मुख्य मार्ग होते हुए इंदिरानगर तक सड़क से सटाकर जेसीबी से खुदाई की जा रही है।जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो गया है। इसे लेकर नागरिकों ने असंतोष जाहिर करते हुए स्पष्ट किया कि इससे पूर्व भी कई बार विभिन्न कामों के लिए सड़क की खुदाई हुई थी जिसे बाद में लेवल नहीं किया जाता और वर्तमान खुदाई सड़क से सटाकर हो रही है। जिस से लेबलिंग नहीं होने पर कभी भी दुर्घटना संभावित है ।यह कार्य पीएचई के माध्यम से किसी ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा है। हालांकि इस पर कहा गया कि खुदाई के बाद कंक्रीट किया जाएगा ।लेकिन यह नागरिकों को विश्वास अर्जित नहीं कर पा रहा है। इससे पूर्व इसकी शिकायत की जाती लोक निर्माण विभाग ने एनओसी नहीं होने पर इस कार्य में रोक लगा दी है ।जबकि बीएसएनएल के एसडीओ ने लापरवाही पूर्वक काम करने और खुदाई के दौरान केबल के क्षतिग्रस्त होने पर आपत्ति दर्ज कराई है।

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