बेमेतरा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन योजना को उनके संचालनकर्ता ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं. जिले में गोबर खरीदी में अव्यवस्था का आलम ये है कि कई हफ्तों तक गोबर की खरीदी बंद कर दी जा रही है, तो कहीं पर्याप्त मात्रा में गोबर नहीं खरीदा जा रहा है. योजना के तहत अधिकारियों को उनके अधीनस्थ कर्मचारी गलत जानकारी प्रस्तुत कर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, बिना निर्धारित मापदंड के गोबर खरीदी की जा रही है.
गोबर खरीदी में समिति कर रही मनमानी
मामला बेमेतरा जिले के ग्राम पंचायत कठौतिया का है, जहां गोधन न्याय योजना के तहत हफ्तों तक गोबर की खरीदी बंद रखी गई. इसके बाद अब गोबर खरीदी शुरू की गई है, लेकिन उसमें भी कई नियम और शर्ते लागू कर दिए गए है. गांव में मुनादी करा दी गई है कि प्रति पशु 5 किलो के हिसाब से गोबर की खरीदी की जाएगी, जो हफ्ते में 3 बार होगी. अव्यवस्था का आलम ये है कि कठौतिया गांव के गोबर खरीदी की जानकारी भी उच्च कार्यालयों को नहीं दी जा रही है.
जिला पंचायत सभापति ने गोबर खरीदी पर उठाये सवाल
प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर सवाल खड़े करते हुए जिला पंचायत के सभापति राहुल टिकरिहा ने कहा कि सरकार ने यह मापदंड कैसे निर्धारित कर लिया कि 5 किलो प्रति गाय के हिसाब से गोबर खरीदी करना है. वही. केवल 3 दिन ही योजना का संचालन हो रहा है जो समझ से परे है. उन्होंने कहा कि ये योजना जिले में पूर्णतः फ्लॉप नजर आ रही है. कठौतिया के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मुनादी कराई गई है कि 3 दिन ही गोबर खरीदी की जायेगी. 1 पशु से औसत 5 किलो गोबर खरीदी की जा रही है. मामले में पूछे जाने पर जिला पंचायत सीईओ ने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहकर रविवार को गोबर खरीदी बंद रहना बताया.