कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना : कोरबा जिले के ग्रामीण-शहरी इलाकों में जहां-जहां जनसंख्या से 35 प्रतिशत तक या उससे अधिक कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है, उन सभी इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर संक्रमण को बढ़ने से रोकने की कवायत जिला प्रशासन से शुरू कर दी है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने ग्रामीण इलाकों में ऐसे सभी गांवो और शहरी क्षेत्रो में वार्डो की रिपोर्ट दो दिनो में मांगी है जहां 30 से 35 प्रतिशत तक रहवासी कोरोना संक्रमित हो गये हैं।

कलेक्टर की जिले में कोरोना को बढ़ने से रोकने की रणनीति के तहत ऐसे इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर कोविड प्रोटोकाॅल के अनुसार उपाय किये जायेंगे। ऐसे सभी इलाकों में सभी घरों के हर एक व्यक्ति का स्वास्थ्य सर्वे होगा। सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित लोगों की पहचान होगी। हर एक व्यक्ति का कोविड टेस्ट कराया जायेगा। ऐसे कंटेनमेंट जोन घोषित इलाको में कोविड प्रोटोकाॅल की पाबंदियां भी जिला प्रशासन लागू कर सकता है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में इस संबंध में स्वास्थ्य, राजस्व एवं अन्य अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श कर जिले में कोरोना के प्रसार को रोकने की रणनीति तय की। सभी विकासखण्ड मुख्यालयों से अधिकारी और मैदानी अमला वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुआ। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन, सीएमएचओ डाॅ. बी.बी. बोडे, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल हुये।


सामुदायिक सर्वे में मिले 567 कोरोना पाॅजिटिव, छुट गये घरों का अगले एक सप्ताह में सर्वे होगा- कोरोना सामुदायिक सर्वे में छुट गये क्षेत्रों के घरों तक अगले एक सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचेगी। जिले में सामुदायिक सर्वे का काम माॅक राउंड के तौर पर अगले एक सप्ताह भी जारी रहेगा। इस दौरान छुट गये घरों तक स्वास्थ्य अमला पहुंच कर लोगो की स्वास्थ्य की जानकारी लेगा। सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान कर उनका कोरोना टेस्ट कराया जायेगा और कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने पर इलाज किया जायेगा। जिले में पांच अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक कोरोना सामुदायिक सर्वे कराया गया था। इस सर्वे के दौरान कुल दो लाख 80 हजार 155 घरो तक सर्वे दलों ने दस्तक दी है। सर्वे के दौरान कुल 567 कोरोना पाॅजिटिव लोग मिले है। सर्वे के दौरान सात हजार 119 सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले लोगो की पहचान की गयी है। इसके साथ ही अधिक जोखिम वाले एक हजार 565 लोगों को भी चिन्हांकित किया गया है।

चिन्हांकित लोगों में से छह हजार 735 लोगों के एंटीजन टेस्ट कराये गये हैं जिनमें से 465 कोरोना पाॅजिटिव पाये गये। उच्च जोखिम वाले लोगों को मिलाकर लगभग दो हजार 891 लोगों का आरटीपीसीआर टैस्ट कराया गया है जिसमें से 102 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। सभी कोरोना संक्रमितों का इलाज कोविड अस्पतालों या होम आईसोलेशन की सुविधा देकर किया जा रहा है।
कोविड अस्पतालों के निरीक्षण में देरी, कलेक्टर ने व्यक्त की नाराजगी- जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुये मरीजों के इलाज की अतिरिक्त सुविधा विकसित करने के उद्देश्य से स्थापित कोविड अस्पतालों के निरीक्षण में देरी पर आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्हांेने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निरीक्षण दल के प्रभारी सिविल सर्जन डाॅ. अरूण तिवारी के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुये अगले तीन दिनों के भीतर कोविड का इलाज कर रहे सभी संचालित अस्पतालों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिये। कलेक्टर ने ग्रामीण इलाको में भी कोविड केयर सेंटर बनाने के लिये चिन्हांकित भवनांे और उनमें उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट दो दिनों मे प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि जिले में ईएसआईसी अस्पताल भवन में विशेष कोविड अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही स्याहीमुड़ी स्थित एजुकेशन हब में कोविड केयर सेंटर संचालित है। निजी क्षेत्रों में न्यू कोरबा अस्पताल और होटल महाराजा के कोविड अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों बालको, एनटीपीसी, एसईसीएल गेवरा को भी कोविड केयर सेंटरों की स्थापना के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये हैं। इसी प्रकार भैसमा, चैतमा और पोड़ी में भी नये कोविड केयर सेंटर बनाने की योजना है। इन सभी जगहों पर उपलब्ध सुविधाओं और कोविड इलाज के लिये शासकीय निर्देशों तथा प्रोटोकाॅल अनुसार नयी सुविधायें विकसित करने कलेक्टर ने निरीक्षण दल बनाये हैं। सभी निरीक्षण कर अगले तीन दिनों में कलेक्टर ने रिपोर्ट मांगी है।

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