छत्तीसगढ़

रोकी गई तीन नाबालिगों की शादी

परिजनों को समझाईश

बलौदाबाजार (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। नाबालिग बच्चों की शादी कराए जाने क़ी सूचना पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए शादी रुकवाई गई। कलेक्टर दीपक सोनी के  निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी टी. जाटवर के मार्गदर्शन में एक संयुक्त टीम गठित कर जिला बाल संरक्षण इकाई, एकीकृत बाल विकास परियोजना पलारी और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल थे। टीम ने सिमगा विकासखंड के ग्राम आमाकोनी, भाटापारा विकासखण्ड के ग्राम अकोली एवं गोंगिया में जाकर तीन नाबालिग बच्चों की शादी रुकवाई।

ग्राम आमाकोनी में 14 वर्ष 4 महिने की नाबालिक लड़की की शादी होने वाला था जिसे जिसे समय रहते रोका गया।

अकोली गांव में 15 वर्ष 9 महिने की  नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी, जिसे प्रशासन ने विवाह रोक दिया,वही तीसरा मामला ग्राम गोगिया का था, जहां एक 15 वर्ष 7 माह के नाबालिक लड़के के पथरिया मुंगेली के लिए निकल रही बारात को संयुक्त टीम द्वारा रूकवाया गया साथ ही शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की गई एवं घोषणा पत्र में परिजनों से हस्ताक्षर कराया गया जो वैधानिक विवाह की न्यूनतम उम्र से कम थी।

परिजनों को दी गई समझाईश-महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने सभी नाबालिग बच्चों और उनके माता-पिता को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में बताया। टीम ने उन्हें समझाया कि लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष की उम्र से पहले विवाह कानूनी रूप से अपराध है जो बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की चेतावनी दी गई अधिनियम के अनुसार बाल विवाह करने पर दो वर्ष का कारावास और 1 लाख रूपये का जुर्माना हो सकता है । इसके अलावा विवाह कराने, अनुमति देने, सहयोग करने या इसमें शामिल होने वालो पर भी कार्यवाही का प्रावधान है।

इस कार्रवाई में जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड हेल्पलाइन, एकीकृत बाल विकास परियोजना सिमगा, भाटापारा और पुलिस टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

 

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