छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय रक्षा अध्ययन दल ने किया रक्षात्मक एवं सृजनात्मक कार्यों का अवलोकन

समूह की महिलाओं से ली आजीविका मूलक कार्यों की जानकारी

उत्तर बस्तर कांकेर, (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )।  केंद्रीय रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली के अधीन राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) के 18 सदस्यीय अधिकारियों के दल ने आज जिले में संचालित रक्षा एवं अन्य गतिविधियों का अवलोकन किया। दल के सदस्यों ने महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित किए जा रहे सामुदायिक प्रबंधन एवं आजीविका मूलक गतिविधियों की जानकारी ली। साथ ही पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित अजय मंडावी से भेंट कर उनके द्वारा काष्ठ शिल्प एवं अन्य कलाकृतियों से अवगत हुए। तत्पश्चात जंगल वार फेयर कॉलेज में रक्षा एवं प्रतिरक्षा के प्रशिक्षण का लाइव डेमो देखा तथा क्षेत्र विशेष में सुरक्षा बलों के द्वारा उपयोग की जाने वाली गुरिल्ला वार तकनीकी के संबंध में जानकारी ली। उक्त दल में देश के रक्षा मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अलावा विभिन्न देशों के रक्षा अधिकारी भी सम्मिलित थे।

राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा राष्टी्रय सुरक्षा एवं सामरिक अध्ययन भ्रमण 2025 अंतर्गत सेना, सिविल सेवा और मित्र देश के 18 अधिकारियों का दल आज जिला मुख्यालय पहुंचा जहां पर उन्होंने रक्षात्मक एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधियों का अवलोकन किया। वरिष्ठ रक्षा अधिकारी संदीप एस. संधू के नेतृत्व में कांकेर पहुंचा दल सबसे पहले नगर के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अजय मण्डावी के भेंट कर उनके द्वारा बनाई गई काष्ठ कलाकृतियों का अवलोकन किया। श्री मण्डावी ने बताया कि जेल के कैदियों को उनके द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण और उनके द्वारा संचालित ’एक कदम गांव की ओर’ कार्यक्रम के बारे में भी रक्षा अध्ययन दल के सदस्यों को जानकारी दी, जिसकी रक्षा अधिकारियों ने सराहना की। इसके पश्चात् अधिकारियों का दल सिंगारभाट स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पहुंचकर वहां संचालित मिलेट प्रोसेसिंग यूनिट, कड़कनाथ फार्म हैचिंग कार्य का भी अवलोकन किया। साथ ही स्वसहायता समूह की महिलाओं से भेंट कर मिलेट उत्पाद कोदो, कुटकी, रागी से तैयार होने वाले विभिन्न व्यंजनों की जानकारी ली। कांकेश्वरी स्व-सहायता समूह से संतोषी साहू ने बताया कि उनके समूह में हर्रा, महुआ से बनाने वाले व्यंजन तथा अचार, पापड़ को बनाकर बिक्री करने के साथ आय के संबंध में जानकारी दी। इसी प्रकार समूह की महिला रीना चक्रधारी ने बताया कि उनके द्वारा बकरीपालन तथा मशरूम उत्पादन कर औसतन 02 लाख रूपए से अधिक की सालाना आमदनी होती है। इसके अलावा अधिकारियों को समूह की महिलाओं ने सीताफल से बनी आईस्क्रीम का स्वाद भी चखा। उन्होंने समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए और अधिक मेहनत करते हुए अधिक से अधिक लाभ लेने के साथ पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने कहा। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बीरबल साहू और नरेन्द्र तायड़े मौजूद थे।

इसके उपरांत अधिकारियों का दल ग्राम सिंगारभाट स्थित जंगलवार फेयर कॉलेज पहुंचा, जहां पर संस्था के प्रमुख ब्रिगेडियर एस.के. लामा (सेवानिवृत्त) ने पीपीटी के माध्यम से कॉलेज की स्थापना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए पुलिस एवं रक्षा के प्रशिक्षुओं को वहां पर दिए जाने वाले आधुनिक प्रशिक्षण एवं गुरिल्ला युद्ध तकनीक के पहलुओं के बारे में संक्षिप्त में बताया। इसके अलावा दुर्गम पहाड़ियों, घने जंगलों और पहुंचविहीन क्षेत्रों में प्रतिरक्षा से संबंधित अभ्यासों प्रतिकूल परिस्थितियों में सुरक्षात्मक उपाय करने के संबंध में टीम के सदस्यों को अवगत कराया गया। इस दौरान जंगल वारफेयर कॉलेज में टीम के सदस्यों को ट्रेनिंग स्पॉट पर ले जाकर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के अभ्यास का प्रशिक्षुओं के माध्यम से लाइव डेमो भी कराया गया। इस दौरान अधिकारियों का दल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों से मिलकर उनसे संवाद किया और उनका उत्साहवर्धन भी किया।  इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप पटेल, जिला पंचायत के सीईओ हरेश मण्डावी, एसडीएम अरूण वर्मा सहित पुलिस और जंगल वारफेयर कॉलेज के प्रशिक्षु जवान अधिकारी आदि मौजूद थे।

 

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