छत्तीसगढ़

हसदेव अभ्यारण्य बचाओ अभियान: चौथा गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और अंतरराष्ट्रीय पुस्तक विमोचन, डॉ अंजना सिंह सम्मानित

हसदेव अभ्यारण्य बचाओ अभियान: चौथा गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और अंतरराष्ट्रीय पुस्तक विमोचन

रायपुर के वृंदावन हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में हसदेव अभ्यारण्य बचाओ अभियान ने चौथा गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स अपने नाम किया। यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और जंगल बचाने की दिशा में किए गए प्रयासों को समर्पित था। इस अवसर पर कोरबा की डॉ. अंजना सिंह को इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया।

प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने शिरकत की, जिनमें छत्तीसगढ़ के राजभाषा आयोग के अध्यक्ष रामदास महंत,
उपमुख्यमंत्री अरुण साव,
वरिष्ठ भाजपा नेता व रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल,
डॉ. विश्नोई,
विनय पाठक,
सोनल शर्मा और
रामेश्वर शर्मा प्रमुख थे। इन सभी गणमान्य अतिथियों ने हसदेव अभ्यारण्य और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

अंतरराष्ट्रीय पुस्तक का विमोचन

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण हसदेव अभ्यारण्य बचाओ पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय पुस्तक का विमोचन था। इस पुस्तक में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण पर 101 साहित्यकारों की कविताओं और आलेखों का संग्रह है। यह पुस्तक न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल है।

सम्मान और प्रेरणा का पल

इस मौके पर साहित्यकारों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने हसदेव अभ्यारण्य को बचाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे मध्य भारत का फेफड़ा बताया और जंगल के संरक्षण को पर्यावरण के संतुलन के लिए अनिवार्य बताया।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता

डॉ. अंजना सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हसदेव अभ्यारण्य को बचाने की यह मुहिम केवल जंगलों की रक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारी भावी पीढ़ी के लिए एक सुरक्षित पर्यावरण देने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।

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