0 विद्युत वितरण विभाग की व्यवस्था से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
कोरबा। बढ़ते उपभोक्ताओं के साथ-साथ विद्युत आपूर्ति का दबाव भी बढ़ता जा रहा है और मौजूदा सब स्टेशनों पर लोड बढ़ने से आए दिन समस्या उत्पन्न होती रहती है। विद्युत की निर्बाध आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए राज्य विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा शहर क्षेत्र में 4 नए सब स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इसके संबंध में स्वीकृति प्राप्त होने के साथ ही अब निर्माण प्रारंभ होने जा रहा है।
कोरबा शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती आबादी और नित बनते नए मकान, दुकान तथा उपभोक्ताओं के द्वारा विद्युत आधारित उपकरणों के उपयोग की बढ़ती संख्या के कारण विद्युत की खपत बढ़ने लगी है। खासकर गर्मी के मौसम में एसी, कूलर आदि का उपयोग किए जाने से विद्युत आपूर्ति का दबाव भी बढ़ता है। बिजली की खपत बढ़ने और पॉवर ट्रांसफार्मर पर दबाव के कारण अक्सर आए दिन सुधार और मेन्टेनेंस की नौबत आती रहती है। अब इस समस्या को दूर करने के लिए विद्युत वितरण विभाग के द्वारा 33/11 केव्ही के नए विद्युत सब स्टेशनों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया था। इस संबंध में स्वीकृति मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत प्रदाय कर दी गई है। कोरबा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र में इन 4 सब स्टेशनों का निर्माण कराए जाने हेतु कुल लागत राशि 7 करोड़ 30 लाख 85 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है। कोरबा शहर के पॉवर हाऊस रोड, दादरखुर्द खरमोरा, महाराणा प्रताप नगर एवं साडा कालोनी में एक-एक सब स्टेशन का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए शहर विधायक एवं राजस्व मंत्री के द्वारा 28 अप्रैल को महाराणा प्रताप नगर व साडा कालोनी तथा 30 अप्रैल को दादरखुर्द एवं पॉवर हाऊस रोड में चिन्हित स्थल पर भूमिपूजन कर निर्माण का शुभारंभ किया जाएगा। शहर क्षेत्र में 4 नए सब स्टेशनों का निर्माण हो जाने से विद्युत व्यवस्था शहरी क्षेत्र में और सुदृढ़ हो जाएगी। विद्युत वितरण विभाग द्वारा बताया गया कि आगामी 6 माह में इन चारों नए सब स्टेशनों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा।
0 बिजली की मांग निरंतर बढ़ रही
विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में इस वर्ष बिजली की अधिकतम डिमांड 200 से 225 मेगावाट तक पहुंच रही है। कटघोरा और कोरबा ग्रामीण क्षेत्र में डिमांड 125 मेगावाट तक पहुंचती है तो शहरी क्षेत्र के तीनों जोन में लगभग 100 मेगावाट तक बिजली की खपत होती है। शहरी क्षेत्र में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ बड़े-बड़े मकान बने हुए हैं जहां जनसंख्या भी ज्यादा है।