कोरबा ( सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग द्वारा कटघोरा वन परिक्षेत्र के कुल्हरिया के एक दलदली क्षेत्र में फसी मादा हाथी की मृत्यु की घटना को गंभीरता से लेते हुए कटघोरा वन परिक्षेत्र के प्रभारी वन मंडलाधिकारी डी.डी.संत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) नवा रायपुर अतुल कुमार शुक्ला (भा.व.से.) और मुख्य वन संरक्षक वन मंडल (वन्यप्राणी) बिलासपुर पी.के. केशर (भा.व.से.) को इस प्रकरण में कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कटघोरा वन परिक्षेत्र के श्री डी.डी.संत केे द्वारा कुल्हरिया गांव में कीचड़ में फसी मादा हाथी को बचाने में कोई प्रयास नहीं किए जाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। इसे शासन ने गंभीरता से लेते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-3 के उल्लंघन का दोषी मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम-1966 के तहत उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) नवा रायपुर अतुल कुमार शुक्ला (भा.व.से.) और मुख्य वन संरक्षक वन मंडल (वन्यप्राणी) बिलासपुर पी.के. केशर (भा.व.से.) को उक्त घटना के लिए शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता तथा लापरवाही बरतने के लिए अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 के नियम-3 का उल्लंघन मानते हुए कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। उन्हें सात दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।
*मदद की पेशकश पर डीएफओ संत ने रौब दिखाया*
के युवा कांग्रेस नेता फरीद खान ने हाथी को दलदल से निकालने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के बारे में डीएफओ संत से बात की थी जिसे नियम कायदे और मतलब बताकर डीएफओ ने नकार दिया। स्वयं तो वन अमला संसाधनहीन रहकर उच्च अधिकारियों की गैर मौजूदगी में हाथी को निकालने में जुटा रहा पर किसी ने आगे आकर मानवता दिखाई तो वह डीएफओ को अपने पद-प्रतिष्ठा का इतना गुमान रहा कि फंसे हाथी को निकालने में मदद लेना मुनासिब नहीं समझा। डीएफओ की यह हठधर्मिता मादा हाथी की जिंदगी पर भारी पड़ी। फरीद ने इसकी शिकायत तत्काल प्रदेश के वन मंत्री मो.अकबर से की जिसे उन्होंने काफी गंभीरता से लिया।