हिमांशु डिक्सेना कोरबा(कटघोरा):-* लगता है कोरबा के बाद अब हाथियों को कटघोरा वनमंडल रास आ गया है जहां बीते कुछ महीनों से हाथियों का दल वनमंडल कटघोरा में विचरण कर जानमाल की क्षति पहुँचा रहा है।इन दिनों भी लगभग 60 हाथियों का दल ग्रामीण इलाकों के आसपास जंगलों में विचरण करते देखे जा रहे है जो किसानों के खेतों में लगे धान की फसलों को अपने पैरों तले रौंद बुरी तरह नष्ट कर रहे है।वर्तमान में अलग-अलग झुंड में 40 हाथी का समूह केंदई रेंज में मंडरा रहे है जो पोडीखुर्द एवं कोरबी इलाके के समीप जंगल में डेरा जमाए हुए है तथा बड़ी संख्या में खेतों में लगी फसल को नुकसान पहुँचा चुके है।इन हाथियों के आमद से प्रभावित ग्रामीणजन काफी भयभीत है।वनअमला भी हाथियों पर लगातार नजर रखा हुआ है तथा ग्रामीणों को सावधानी बरतने हेतु सतर्क किया जा रहा है।केंदई परिक्षेत्राधिकारी अश्वनी चौबे ने बताया कि मौजूदा समय में जिन हाथियों का दल विचरण कर रहा है वह दिन में जंगल तथा शांझ ढलते ही जंगल के आसपास बसे रहवासी इलाके की ओर रुख कर रहे है।जहाँ खेतों में लगाई गई धान की फसल को भी नुकसान पहुँचाया गया है।प्रभावित किसानों के हुए क्षति का आंकलन किया जा रहा है और साथ ही उन्हें जंगल की ओर ना जाने हिदायत दी जा रही है एवं सावधानी बरतने उन्हें लगातार सतर्क किया जा रहा है।दूसरी ओर इन हाथियों के जटगा रेंज के सीमा में दस्तक को लेकर रेंजर मोहरसिंह मरकाम द्वारा अपने वनअमला के माध्यम से हाथी प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर लोगों को सावधान रहने कहा गया है।तथा जानमाल की सुरक्षा को लेकर हाथियों के गतिविधि पर रेंजर मरकाम द्वारा लगातार संज्ञान लिया जा रहा है।फिलहाल हाथियों का दल अभी केंदई रेंज में विचरण करने के साथ जटगा रेंज की सीमा में भी पहुँच चुका है।जहां कभी भी जटगा रेंज की सीमा लांघ सकते है।

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