कोरबा। युवक की नृशंस हत्या कर शव को जलाकर साक्ष्य छिपाने के मामले में सह आरोपी विधि से संघर्षरत अपचारी बालक को दोषी पाए जाने पर न्यायालय ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। हत्या के अपराध धारा 302 में 10 वर्ष और साजिश छिपाने के अपराध धारा 201 में 5 वर्ष कुल मिलाकर 10 वर्ष की सजा उसे भोगनी होगी।
बता दें कि उक्त नाबालिग अपराधी घटना दिनांक के वक्त 17 वर्ष का था। उसने वारदात के मुख्य आरोपी अमन भंवरे निवासी बिलासपुर और उसके साथियों राजू यादव, रामजन्म यादव दोनों निवासी राताखार के साथ मिलकर फेरी लगाकर घरेलू सामान बेचने वाले कृष्णा गंगावने की हत्या 4 मार्च 2022 को कर दिया था। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए जूट के बोरे में लपेट कर जला दिया गया। एक दिन पहले ही इस मामले में करतला थाना प्रभारी राजेश चंद्रवंशी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए मजबूत विवेचना और साक्ष्यों के आधार पर विचारण उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) ज्योति अग्रवाल ने 3 आरोपियों को आजीवन सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया। प्रकरण में नाबालिग आरोपी पर फैसला आना शेष था जिसमें विशेष न्यायाधीश (बाल न्यायालय) ज्योति अग्रवाल ने दोषी पाए जाने पर विधि से संघर्षरत अपचारी बालक को कुल 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। इस तरह कृष्णा गंगावने के सभी चारों आरोपियों को उनके कृत्य की सजा मिल गई है।