कोरबा। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अधीनस्थ सुराकछार बलगी उपक्षेत्र में एसईसीएल द्वारा अर्जित जमीन पर बाहरी तत्वों द्वारा किये जा अवैध कब्जा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने उपक्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय में जमकर प्रदर्शन कर बेजा कब्जा हटाने और मूल खातेदारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक वापस करने सबंधी ज्ञापन सौंपा। 
ज्ञापन सौंपने के बाद तुरन्त हरकत में आते हुए प्रबंधन के अधिकारियों ने कब्जा हो रहे स्थल पहुंचकर कब्जा धारियों को 72 घंटे में जगह खाली करने का नोटिस जारी कर कहा है कि उसके बाद बुलडोजर चलाकर इस जगह को सार्वजनिक उपयोग के ग्रामीणों के सुपुर्द किया जाएगा। ऊर्जाधानी के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया कि वर्ष 1962 में भारत सरकार की स्टील खान एवं ईंधन मंत्रालय के आदेशानुसार नेशनल कोल कारपोरेशन लिमिटेड (कोल इंडिया )के द्वारा कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के प्रावधान के तहत 17 ग्रामों की 7080.93 हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें भैरोताल की जमीन पर सुराकछार भूमिगत खदान खोली गयीं थी जो अब बन्दी के कगार पर है।  भूमिगत खदान होने के कारण ऊपरी सतह पर एसईसीएल की भौतिक कब्जा नहीं है और बहुत हिस्से पर कोयला उत्खनन संबंधी विभिन्न कार्य होते रहे हैं पर्यावरण सरंक्षण के लिए  वन विकास निगम के साथ साझा वृक्षारोपण कराया गया है। लम्बे समय से मूल खातेदारों की ओर से अपनी जमीन वापसी की लड़ाई लड़ी जा रही है इसके लिए कानूनी रूप से संशोधन की मांग भी हो रहा है। किंतु वर्तमान में उक्त जमीन पर बाहरी लोगों ने अवैध कब्जा करना शुरू हुआ है जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान रूद्र दास महंत, ललित महिलांगे, छत्रपाल सिंह, विशाल सिंह, चित्रभान सिंह, राकेश सिंह, चंद्रमणि, ओंकार, बुढ़िया, करण बाई, रामबाई, गनेशी बाई, दिलीप कुमार, लक्ष्मी बाई, उवर्शी सहित अन्य लोग शामिल थे।

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