कोरबा। अनुसूचित जनजाति आयोग छत्तीसगढ़ शासन के सदस्य नितिन पोटाई 2 दिवसीय प्रवास पर कोरबा पहुंचे। उन्होंने आदिवासियों की समस्याओं को लेकर एसईसीएल के प्रबंधकों से चर्चा की। 
आयोग के सदस्य श्री पोटाई ने प्रेस क्लब तिलक भवन में पत्रवार्ता आहूत कर कहा कि आयोग शासन के नाक, कान और आंख के रूप में काम करता है। आदिवासियों की समस्याओं की शिकायत लगातार मिल रही है। सार्वजनिक उपक्रमों सहित अन्य क्षेत्र में उनको लाभ नहीं मिल रहा है। शिकायत के आधार पर आयोग अनुशंसा पत्र संबंधित विभाग को जारी करेगा ताकि पीड़ित पक्ष को लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासियों का कब्जा है। धारा 170 ख के प्रकरण एसडीएम कार्यालय में चल रहे हैं। कटघोरा की भारिया जनजाति के मिसल बंदोबस्त में छेड़खानी की गई जिससे उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य सुविधाओं से भी वे वंचित हो गए हैं, आयोग इसका भी पत्र जारी करेगा। दीपका में भू-विस्थापितों की समस्याओं की शिकायत भी उन्हें मिली है। एसईसीएल के गेवरा, दीपका और कुसमुंडा सहित कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधकों के साथ उनकी बैठक हुई है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा करने की शिकायत उन्हें मिली है। उन्होंने बालको, एनटीपीसी और सीएसईबी में स्थानीय लोगों को भर्ती करने निर्देशित किया है। बालको में 49 प्रतिशत शेयर शासन का है। आयोग इसके लिए बालको को पत्र जारी करेगा ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। वनांचल ग्राम कुटुरवा की छात्रा अंकिता भगत ने आयोग से शिकायत की है कि कुष्ठ रोग होने के कारण शिक्षा से उसे वंचित किया गया है। मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग के सदस्य ने तत्काल सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से चर्चा किया और अंकिता को शिक्षा का लाभ देने के निर्देश। पत्रवार्ता में गोपाल ऋषिकर भारती सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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