4 घंटे तक ग्रामीणों ने रोका काम, आश्वसन के बाद आंदोलन समाप्त
कोरबा। खदान से प्रभावित परिवारों के रोजगार, बसाहट एवं मुआवजा से जुड़ी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर रविवार को ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति बुड़बुड़ ग्राम इकाई समिति के नेतृत्व में एसईसीएल कोरबा परियोजना के अंतर्गत सराईपाली बुड़बुड़ ओपन कास्ट कोयला खदान को सुबह 9 बजे बजे से दोपहर 1 बजे तक लगभग 4 घंटे ग्रामीणों खदान के काम को बंद करा दिया। मौके पर परियोजना प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों के द्वारा क्षेत्रीय व मुख्यालय में भेजे गये प्रस्ताव की जानकारी देते हुए सीएमडी स्तर पर बैठक कराने के आश्वासन के बाद आंदोलन को समाप्त किया गया।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के इकाई अध्यक्ष चन्दन सिंह बंजारा ने कहा है कि एसईसीएल प्रबंधन के बार-बार के आश्वासन और मांगों पर कार्यवाही में लेट लतीफी से नाराज ग्रामवासी आंदोलन के रास्ते पर बढ़ने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिले में संचालित एसईसीएल के ही दूसरे क्षेत्रों में जिन सुविधाओं को बहाल किया गया उन्हीं को लागू करने की मांग की जा रही है। एसईसीएल मुख्यालय से कहा जा रहा है कि मेगा प्रोजेक्ट होने के नाते दीपका, कुसमुंडा, गेवरा के लिए विशेष पैकेज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन के इस तर्क से हम सहमत नहीं है क्योंकि पूरा कोरबा जिला 5वीं अनुसूची अंतर्गत शामिल है और एक समान कृषि कार्य से जुड़े परिवारों के लिए दोहरी नीति नहीं हो सकता। अगर यहां के भूविस्थापितों के साथ न्याय नहीं किया गया तो आंदोलन का विस्तार होगा। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मुख्यालय स्तर पर ग्रामीणों की बैठक कराने भेजे गए प्रस्ताव पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है जिसके आधार पर आज के आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है किंतु आन्दोलन आगे भी जारी रहेगी।
0 भू-विस्थापितों की प्रमुख मांगे
पाली से 3 किमी के अन्दर नजदीक में आधुनिकतम कालोनी विकसित कर पुनर्वास देने अथवा बसाहट के बदले दी जाने वाली राशि 20 लाख रूपये लागू करने, सभी परिवार के सदस्यों को रोजगार देने, रोजगार के लिए लटकाकर रखे गए मामलों का त्वरित निराकरण कर रोजगार देने, रोजगार के लिए देरी के के एवज में कम से कम एक कटेगरी का पेमेंट करने, सभी भूविस्थापित -प्रभावित बेरोजगारों एवं महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं स्वरोजगार प्रदान करने सहित अन्य मांगें शामिल हैं।