कोरबा। राजनेता देश के लिए अपनी प्रजा के लिए अच्छी नीति बनाएं। वर्तमान में एक दूसरे को लड़ाने की प्रवृत्ति चल रही है, इससे देश बट जाएगा। जो स्थिति वर्तमान में उत्पन्न हुई है वह ठीक नहीं है। सभी धर्मों को साथ लेकर चलना चाहिए।
उक्त बातें कोरबा प्रवास पर आए आचार्य प्रवर जिनमणि प्रभसूरीश्वर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। जैन मुनि ने कहा कि भारत में धर्मांतरण नहीं होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। लोगों को अपने धर्म में ही रहना चाहिए। धर्मांतरण का कड़ा विरोध होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोग बड़े शांति प्रिय हैं। जैन मुनि ने कहा कि लोगों को परम शांति से जीना चाहिए। सहभाव और सहयोग से ही परम शांति स्थापित हो सकती है। प्रभु महावीर के संदेश व सिद्धांतों को पूरे विश्व को अनुशरण करना चाहिए। इससे ही परम शांति मिल सकती है। पाश्चात्य संस्कृति को लेकर कहा कि यह क्षणिक है, इससे शांति नहीं मिल सकती। लगातार पाश्चात्य संस्कृति में डूबे युवा भी साधु संत हो रहे हैं, जिनका आचरण व दिनचर्या ही पाश्चात्य संस्कृति से जुड़ा था। जब तक जीवन का मूल्य नहीं समझेंगे आत्मा में यह विकार चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति पर नाज है। सभी धर्म गंगा, यमुना, सरस्वती का त्रिवेणी का संगम हैं। सभी संस्कृति व उपदेश आपस में एक होते हैं। हमारा जीवन सरल व सहज होना चाहिए, जो ब्रम्ह को जानता है वही सही मायने में ब्राम्हण होता है। जैन मुनि समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने कोरबा पहुंचे हैं।
टीपी नगर इंदिरा विहार में जैन समाज द्वारा भव्य मंदिर तैयार किया गया है। 9 माह में मंदिर को भव्यता प्रदान की गई है। समाज द्वारा बनाया गया मंदिर आकर्षक है। इस तरह के बनावट वाला मंदिर अब तक कोरबा में नहीं है। उक्त मंदिर में मूर्ति की कल प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जिसमें बड़ी संख्या में जैन धर्म के अनुयायी शामिल होंगे।