कोरबा। ऊर्जाधानी के शहर व ग्रामीण अंचलों में मंगलवार को खमरछठ (हलषष्ठी) का पर्व धूमधाम से मनाया गया। संतान के स्वस्थ रहने व दीर्घायु होने की कामना करते हुए माताओं ने व्रत रखा। बिना हल जोते हुए उपजे अन्न (पसहर चावल) व 6 प्रकार की भाजी का प्रसाद ग्रहण किया गया। 
छत्तीसगढ़ में खमरछठ पर्व का बड़ा महत्व है। ऊर्जाधानी के गली-मोहल्लों में सगरी खनन कर माताएं पूजा-अर्चना कर अपने-अपने संतानों की लंबी आयु की कामना करती नजर आई। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का आज जन्म हुआ था। भगवान बलराम को शेषनाग का भी अवतार माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ के जन्मोत्सव वाले दिन हलषष्ठी मनाए जाने के कारण बलदाऊ के शस्त्र हल को महत्व देने के लिए बिना हल चलाए उगने वाले पसहर चावल का पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। ऊर्जाधानी में मंदिरों एवं मोहल्लों में महिलाओं ने सामूहिक पूजा-अर्चना की। 

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