रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : कोरोना संकट के बीच 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहा है. शारदीय नवरात्र को लेकर मंदिरों में तैयारियां पूरे जोर-शोर पर चल रही हैं. वहीं लोगों ने अपने घरों में घट स्थापना की तैयारी कर ली है. साफ-सफाई के साथ रंगाई-पुताई का काम भी किया जा रहा है. मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को आकर्षक और सुंदर बनाने के लिए पोशाक भी बाजार में आ गए हैं. इसके अलावा कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बनाई गई मूर्तियां भी बाजार में बिकने लगी हैं, जिन्हें खरीदने के लिए लोग काफी उत्साहित हैं.
इस बार नौ दिन की होगी नवरात्रि : नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर, शनिवार से हो रही है. ऐसे में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी. आमतौर पर देखा गया है कि, कभी ये सात, तो कभी आठ दिन में समाप्त हो जाती है, लेकिन इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी. नौ दिन मां के नौ स्वरूप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्र के पहले दिन यानी 17 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 13 मिनट तक है. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 29 मिनट तक है.
हवन व विसर्जन और व्रत पारण
25 अक्टूबर को सुबह 11.14 बजे तक नवमी है. ऐसे में इससे पहले नवमी का हवन आदि करना होगा. इसके बाद 11.15 बजे दशमी तिथि आ जाएगी और विजय दशमी के अनुष्ठान किए जाएंगे. इससे पहले 23-24 की रात महानिशा पूजन और 24 को महाअष्टमी व्रत रखा जाएगा. उदया तिथि के मुताबिक 26 अक्टूबर को सुबह नवरात्रि व्रत का पारण होगा, वहीं महाअष्टमी व्रत का पारण 25 को सूर्योदय के बाद होगा.
ऐसे करें पूजा
माता की पूजा-अर्चना करने के लिए लकड़ी के पटा पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी की स्थापना करें. एक घट में चावल या जल भरकर नारियल बांधे और विधिवत पूजन करें. रोजाना पाठ और आरती करें अंत में हवन करें.
देवी के इन स्वरूपों की पूजा होगी.
- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना : 17 अक्टूबर
- मां ब्रह्मचारिणी पूजन : 18 अक्टूबर
- मां चंद्रघंटा पूजन : 19 अक्टूबर
- मां कुष्मांडा पूजन : 20 अक्टूबर
- मां स्कंदमाता पूजन : 21 अक्टूबर
- मां कात्यायनी पूजन : 22 अक्टूबर
- मां कालरात्रि पूजन : 23 अक्टूबर
- मां महागौरी दुर्गा पूजन : 24 अक्टूबर
- मां सिद्धिदात्री पूजन : 25 अक्टूबर
58 वर्षों बाद बन रहा शुभ योग
इस बार माता का आगमन अश्व (घोड़ा) पर तो गमन (वापसी) भैंसे पर हो रहा है. इस बार की शारदीय नवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बार पूरे 58 साल के बाद शनि, मकर में और गुरु, धनु राशि में रहेंगे. इससे पहले यह योग साल 1962 में बना था. तो आइए जानते हैं, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, नवरात्र के नौ दिन होने वाले मां के अलग-अलग स्वरूप, नौ दिनों के नौ रंग खास और नौ दिनों के भोग और मां के मंत्र.
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
- पहले दिन मां शैलपुत्री की स्थापना करें, मां शैलपुत्री सिंह पर सवार होकर आती हैं. विधिवत पूजन करके वहां फल और मिठाई का भोग लगाएं, इससे मां शैलपुत्री घर में यश प्रतिष्ठा देती हैं और लोगों को शांति मिलती है.
- देवी मां के इस स्वरूप को पीला रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है.
- नवरात्रि के पहले दिन मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करें, ऐसा करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
दूसरे दिन मां ब्रम्हाचारिणी की पूजा
- दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की स्थापना करें, उस दिन पूजन करके फल, दूध और मेवा चढ़ाकर उनकी आरती करें. इससे घर में नियम, संयम, ब्रह्मचर्य का पालन और सत्यता आती है.
- देवी ब्रह्मचारिणी को हरा रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए नवरात्रि के दूसरे दिन हरे रंग का वस्त्र धारण करें.
- नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्यों में बांटें. इससे आयु वृद्धि होती है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा
- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करें, मां चंद्रघंटा का पूजन करके वहां पर फल, दूध, दही और सूखे मेवे चढ़ाकर भोग लगाएं और मां की आरती करें, ऐसे पूजन करने से घर में धन संपदा और आभूषण आदि की प्राप्ति होती है.
- देवी चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के तीसरे दिन हल्का भूरा रंग पहनें.
- नवरात्रि के तीसरे दिन देवी भगवती को दूध या खीर का भोग लगाएं, इसके बाद इसे ब्राह्मणों को दान कर दें. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:
चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा
- चौथे दिन मां कूष्मांडा देवी का पूजन करें, इनके पूजन से घर में शांति सुयश और घर का भंडार भरा रहता है. व्याधि और रोग की शांति होती है, इस तरह से कूष्मांडा देवी की चौथे दिन पूजन करें.
- देवी कूष्मांडा को संतरी रंग प्रिय है, इसलिए नवरात्रि के चौथे दिन संतरी रंग के कपड़े पहनें.
- नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां को मालपुए का भोग लगाएं. इसके बाद इसे जरूरतमंदों को दान कर दें. ऐसा करने से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नम:
पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा
- पांचवें दिन स्कंदमाता का पूजन करें. पांचवें दिन विधिवत पंचामृत से माता को स्नान कराएं. उनको सफेद वस्त्र से आच्छादित करें और उनको पंचमेवा छोहारा, बादाम, किशमिश, काजू चढ़ाएं. ऐसा करने से शरीर निरोग रहता है, घर में शांति आती है और सदभावना आती है.
- देवी स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है. इसलिए नवरात्रि के पांचवे दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनें.
- नवरात्रि के पांचवें दिन मां को केले का भोग अर्पित करें. ऐसा करने से जातक निरोगी रहता है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:
छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा
- छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती हैं. मां कत्यायनी का पूजन करते समय वहां पर कद्दू (कुम्हड़ा) रखें. पूजन करने के बाद फल का भोग प्रसाद लगाएं और फिर आरती करें. घर में आये हुए लोगों के ऊपर स्नेह रहता है, आये हुए लोगों का स्नेह मिलता है और सहयोग मिलता है.
- देवी मां के इस स्वरूप को लाल रंग अत्यंत प्रिय है. इसलिए इस दिन मां की पूजा करते समय लाल रंग का वस्त्र पहनें.
- नवरात्रि के छठवें दिन मां भगवती को शहद का भोग लगाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से आकर्षण भाव में वृद्धि होती है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम:
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा
- सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजन करें. कालरात्रि देवी को सभी देवी देवताओं ने अपनी शक्ति प्रदान की है. मां कालरात्री का विधिवत पूजन करके वहां पर फल, फूल, लाल भाजी और अनार का भोग लगाएं और विधिवत आरती पूजन करें. ऐसा करने से घर में शांति सद्भाव सुख धन समृद्धि मिलती है.
- भगवती मां के इस स्वरूप को नीला रंग अत्यंत प्रिय है. इसलिए नवरात्रि के सातवें दिन नीले रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए.
- नवरात्रि के सातवें दिन देवी मां गुड़ का भोग लगाएं. इसके बाद यह भोग निराश्रितजनों और दिव्यांगों को बांट दें. ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और ऐश्वर्य-वैभव की प्राप्ति होती है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:
आठवें दिन मां गौरी की पूजा
- आठवें दिन मां गौरी का पूजन करें. उन्हें सुसज्जित करें और छोटी-छोटी पूड़ी- हलुआ और चने की दाल चढ़ाकर आरती करें. ऐसा करने से घर में समृद्धि होती है.
- देवी महागौरी की पूजा करते समय गुलाबी रंग पहनना शुभ माना जाता है. अष्टमी की पूजा और कन्या भोज करवाते इसी रंग को पहनें.
- नवरात्रि के आठवें दिन माता भगवती को नारियल का भोग लगाकर वह नारियल दान कर दें. मान्यता है कि ऐसा करने से संतान संबंधी सभी परेशानियों से राहत मिलती है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:
नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा
- नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. देवी की पूजा करने से घर में अष्टसिद्धि नौ निधि की प्राप्ति होती है और वह घर में मंगलमय रहता है.
- देवी मां के इस स्वरूप को बैंगनी रंग अत्यंत प्रिय है. इसलिए नवमी तिथि के दिन भगवती की पूजा करते समय बैंगनी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए.
- नवरात्रि के नौवें दिन देवी भगवती को तिल का भोग लगाएं. इसके बाद यह भोग किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान कर दें. इससे अकाल मृत्यु से राहत मिलती है.
- मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्यै नम: