0 जेबीसीसीआई की बैठक बेनतीजा रही, आगे की रणनीति तय करेंगे 


कोरबा। कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते को लेकर देश भर के कोल सेक्टर में शुक्रवार से आंदोलन का आगाज हो गया है। कोल इंडिया के एसईसीएल सहित अनुषांगिक कंपनियों के सभी क्षेत्रों में विरोध दिवस मनाया गया। 
एसईसीएल की कोरबा जिले में संचालित कोरबा, कुसमुण्डा, गेवरा, दीपका क्षेत्र तथा अधिनस्थ संचालित परियोजनाओं में भी प्रदर्शन किया गया। इसके तहत प्रदर्शन और गेट मीटिंग की गई। खदानों के मुहाने पर काली पट्टी लगाकर विरोध दिवस मनाया गया। श्रमिक नेताओं ने बताया कि 30 नवंबर को सीआईएल मुख्यालय में आयोजित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक बगैर नतीजा खत्म हो गई थी। यूनियन ने अपनी मांग से नीचे आते हुए 28 फीसदी एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा था। सीआईएल प्रबंधन 10.50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ा। प्रबंधन ने साफ कहा कि डीपीई का ऑफिस मेमोरेंडम इससे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देता है। डीपीई की गाइडलाईन में छूट के बगैर वेतन समझौता संभव नहीं है। सीआईएल प्रबंधन के इस रवैए पर यूनियन ने संयुक्त रूप से आंदोलन का ऐलान किया। 9 दिसंबर को सीआईएल सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों के एरिया में विरोध दिवस मनाने तथा 7 जनवरी को रांची में संयुक्त कन्वेेंशन किए जाने का निर्णय लिया गया। संयुक्त कन्वेंशन में आंदोलन के आगे की रणनीति तय किये जाने की बात कही गई। 
0 विभिन्न संगठनों ने दिया समर्थन
कोयला कर्मियों के आंदोलन को विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया है। इसमें कोल इंडिया नर्सेस एसोसिएशन, कोल इंडिया डिप्लोमा अभियंता संघ भी शामिल है। संगठनों का कहना है कि यूनियनों के विरोध का समर्थन किया जाता है। साथ ही बीएमएस, एचएमएस, एटक, सीटू के क्षेत्र स्तरीय विरोध का समर्थन करने एसोसिएशन के सदस्यों को कोई बाध्यता नहीं होगी। इसके अलावा 7 जनवरी के कन्वेंशन में भी सहभागिता की घोषणा की है। 

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