कोरबा। विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदान शिविर, रक्तदाता सम्मान समारोह एवं रक्तदान हेतु शपथ ब्लड बैंक, स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय संबंध इंदिरा गांधी चिकित्सालय में किया गया। शिविर में छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी के छात्रों, कमला नेहरू कॉलेज के छात्रों, छत्तीसगढ़ हेल्प एवं वेलफेयर सोसाइटी एवं प्रधान डाकघर, जेएमसी के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
शिविर का उद्घाटन डॉ. एसएन केसरी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. दुर्गा शंकर पटेल प्रभारी संयुक्त संचालक मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, डॉ. जीएस जात्रा प्रभारी ब्लड बैंक एवं डीपीएम पदमाकर शिंदे ने किया। शिविर में 47 यूनिट रक्त संग्रहण किया गया। सीएमएचओ ने बताया कि सभी स्वस्थ व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकते हैं जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष की हो और जिसका वजन 45 किलो ग्राम से कम ना हो। रक्त 72 घंटों में पुन: शरीर में निर्माण हो जाता है। डॉ. डीएस पटेल ने बताया कि हमारे यहां प्रतिदिन ऑपरेशन होते हैं जिसमें रक्त की आवश्कता होती है और रक्तदान से ही भरपाई किया जाता है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. जात्रा ने बताया कि रक्तदान से हमारी शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है हमारे शरीर में लगभग आज 5 लीटर रक्त रहता है जिसमें मात्र 300 एमएल रक्त ही निकला जाता है जो कि नहीं के बराबर होता है। रक्त डोनेट करने से यहां फायदा होता है कि 2500 से 3000 रुपए के जांच मुफ्त में हो जाते हैं और यदि कोई बीमारी होगी तो वह समय पर पता चल जाता है और उपचार भी समय पर हो जाता है। जो रक्तदाता के द्वारा रक्त प्रदान किया जाता है उसे सिकल सेल, थैलेसीमिया, ब्लड डिसऑर्डर, कैंसर एवं डायलिसिस को इमरजेंसी के मरीजों के मुफ्त प्रदान किया जाता है। प्रतिदिन लगभग मेडिकल कॉलेज में 25 से 30 यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ता हैं। माह में लगभग 450 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है जिसे रक्तदाताओं से पूर्ति हो पाता है। पदमाकर शिंदे ने बताया कि रक्त की पूर्ति के लिए विकासखंड में रक्तदान शिविर का आयोजन करेंगे।