मोतीसागर पारा के बंद रेत घाट का बेरियर तोड़ चुके हैं चोर
कोरबा। नया ठेका आबंटित नहीं हो पाने के कारण कागजों में वैधानिक तौर पर बंद लेकिन अघोषित तौर पर संचालित हो रहे व रेत चोरों का शिकार मोतीसागर पारा रेत घाट में जब कब्रों को खोदने की खबर सामने आई तो खनिज विभाग हरकत में आया। पुलिस ने भावनाएं आहत होने की शिकायत पर 11 लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया तो वहीं रेत चोरों के कदम रोकने के लिए खनिज विभाग ने यहां गड्ढे खुदवा दिए हैं। अब यह गड्ढे रेत चोरों को कितना और कब तक रोक पाएंगे, देखने वाली बात है।
नगर पालिक निगम के वार्ड क्र.7 मोतीसागर पारा एवं कोतवाली क्षेत्रांतर्गत संचालित रेत घाट ठेके में देने के बाद से विवादित रहा है। भंडारण क्षेत्र को लेकर विवाद उठने के साथ ही शिकायत भी हुई और यहां आबंटित क्षमता से कहीं ज्यादा रेत का खनन भी हुआ। बरसात के मौसम में प्रतिबंधित होने के बाद भी रेत यहां से खोदी और 7-8 गुना महंगे दर पर बेची जाती रही। वर्तमान में इस रेत घाट का नया ठेका अथवा संचालन हेतु आबंटन तकनीकी कारणों से नहीं हो सका है। इसके बावजूद इस घाट से रेत का खनन और विक्रय चलता रहा। रेत चोरों ने अपने लाभ के लिए यहां प्रवेश द्वार पर लगाए गए बेरियर को भी तोड़ डाला। चूंकि विगत वर्षों में खनिज अमलों के द्वारा की जाने वाली विवादित कार्यशैली के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिपाही और ड्राईवर से लेकर अधिकारी तक पूरा महकमा बदल डाला। आमूलचूल परिवर्तन के बाद खनिज विभाग का हर कर्मचारी नया है जिसका पूरा-पूरा फायदा खनिज के चोर व माफिया उठाते रहे। अब विभाग यहां की परिस्थितियों से वाकिफ होने लगा है। मोतीसागर पारा घाट से रेत चोरी करने वालों के द्वारा शवों और कब्रों को भी क्षत-विक्षत कर दिया गया। यह जानकारी होने पर आक्रोश भड़का तो पुलिस ने आनन-फानन में कार्यवाही की लेकिन रेत की चोरी का मामला अभी भी नहीं बना है।
दूसरी ओर खनिज अधिकारी प्रमोद नायक, खनिज निरीक्षक श्री जितेंद्र व अन्य कर्मी मोतीसागर पारा घाट बुधवार को पहुंचे। यहां जेसीबी लगाकर घाट की ओर जाने वाले सभी रास्तों को खुदवाया गया। अलग-अलग जगह से रास्ते बनाकर ट्रैक्टर व माल वाहनों को ले जाया जाता था, जिनमें गड्ढे खुदवाने के बाद विभाग आश्वस्त है कि इससे रेत चोरी रुकेगी। वहीं प्रवेश द्वारा पर ही पूर्व में लगा बेरियर जो कि नियमत: सीलयुक्त होना चाहिए लेकिन यहां से बेरियर ही उखाड़ दिया गया है तो आवागमन का प्रारंभिक रास्ता अब भी खुला है। इस मार्ग पर बेरियर लगाकर घाट का आबंटन होने तक सील करने की जरूरत है।