रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : लॉकडाउन और कोरोना की वजह से लगभग ढाई महीने तक बस, ट्रेन और हवाई सेवा बंद होने के बाद फिर से एक बार परिवहन के साधनों की शुरुआत हुई, लेकिन ट्रेनों और बसों के साथ ही हवाई यात्रा की संख्या सीमित है. राजधानी रायपुर से इंटरस्टेट बसों का संचालन फिर एक बार शुरू हो गया लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में इंटरस्टेट बसों की संख्या काफी कम हो गई है. इंटरस्टेट बसों की संख्या कम होने के साथ ही बस संचालकों के द्वारा यात्रियों से अधिक किराया वसूला जा रहा है. यात्रियों से बसों में अधिक किराया वसूले जाने की शिकायत अब तक ट्रैफिक विभाग को नहीं मिली है.
बस संचालक यात्रियों से वसूल रहे मनमाना किराया
पंडरी बस स्टैंड
कोरोना और लॉकडाउन ने हर तरह के उद्योग धंधों पर असर डाला है. जिसमें से परिवहन सेवा भी एक है. यात्री बसों का संचालन छत्तीसगढ़ में महीनों बाद शुरू हो सका है. राजधानी से दूसरे राज्यों में जाने वाली यात्री बसों की संख्या भी पहले की तुलना में काफी कम हो गई है और इन बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों से किराया भी अधिक वसूला जा रहा है, दूसरे राज्य जाने वाले यात्रियों से बस संचालकों के द्वारा 200 रुपए से लेकर 600 रुपए तक अधिक किराया वसूला जा रहा हैं.
कई ट्रैवल्स की बसें हुई कम
ज्यादा किराया देकर बसों से सवारी कर रहे यात्री
राजधानी से दूसरे राज्यों में जाने वाली बस ट्रैवल्स की बात की जाए तो कांकेर ट्रैवल्स, महिंद्रा ट्रेवल्स मेट्रो ट्रैवल्स और रॉयल ट्रैवल्स की सामान्य दिनों में 20 बसें संचालित होती थी, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इन बसों की संख्या घटकर अब मात्र 8 हो गई है सामान्य दिनों में कांकेर ट्रेवल्स की 8 बसें संचालित होती थी. लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 2 हो गई है. सामान्य दिनों में महिंद्रा ट्रेवल्स की 6 बसें संचालित होती थी, लेकिन इसकी संख्या घटकर अब 2 हो गई है. वहीं सामान्य दिनों में मेट्रो ट्रेवल्स की 4 बसें संचालित होती थी, लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 2 हो गई है. रॉयल ट्रैवल्स की पहले भी 2 बसें संचालित होती थी और अब भी 2 बसें संचालित हो रही है.
रोजी-रोटी की तलाश, मनमाना किराया देकर जा रहे यात्री
रोजी-रोटी की तलाश
राजधानी के पंडरी बस स्टैंड से दूसरे राज्य जाने वाले कुछ यात्रियों से बात की तो उन यात्रियों का कहना था कि पहले की तुलना में यात्री किराया में बढ़ोतरी हुई है. कुछ लोग दूसरे राज्य रोजी-रोटी की तलाश में जा रहे है और कुछ यात्री ट्रेन नहीं होने के कारण इन बसों में पहली बार सफर कर रहे हैं. इसके पहले यात्री ट्रेन के माध्यम से दूसरे राज्य जाया करते थे.
पहले के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ा किराया
श्रमिकों की मजबूरी
इंटरस्टेट बसों के किराए की बात करें तो रायपुर से हैदराबाद का किराया पहले 900 से 1100 रुपया हुआ करता था, लेकिन आज हैदराबाद का किराया 1500 से 1700 रुपया यात्रियों को देना पड़ रहा है. पहले रायपुर से पुणे का किराया 1700 रुपया था, जो बढ़कर 2300 रुपये हो गया है. पहले रायपुर से इंदौर का किराया 1100 से 1200 रुपये हुआ करता था, लेकिन आज यह किराया बढ़कर 1600 से 1700 रुपये हो गया है.
सवारी कम, डीजल के दाम बढ़े
इंटरस्टेट बसों के किराए में किए गए वृद्धि को लेकर कुछ ट्रेवल्स के सुपरवाइजर से बात की तो उनका कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से यात्रियों की संख्या कम होने के साथ ही डीजल के दामों में भी वृद्धि हुई है. जिसके कारण इंटरस्टेट बसों का किराया बढ़ा दिया गया है. कई यात्री कोरोना के डर से इन बसों में सफर नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से बस संचालक कई बार डीजल का खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे हैं. कई बार यात्रियों की संख्या काफी कम होने से बस संचालकों के द्वारा इंटरस्टेट बसों को रद्द कर दिया जाता है.
ट्रैफिक डिपार्टमेंट को नहीं जानकारी
इंटरस्टेट बसों में यात्रियों से ज्यादा किराया वसूले जाने के मामले में ट्रैफिक डिपार्टमेंट के एडिशनल एसपी एमआर मंडावी से बात की तो उनका कहना है कि यात्रियों से अब तक यात्री किराया में वृद्धि किए जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.