प्रकरण लंबित रखने का कारण दर्ज नहीं करने वाले रीडरों को नोटिस, लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने कलेक्टर के निर्देश
कोरबा। कलेक्टर संजीव झा ने एसडीएम और तहसील कार्यालयों में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए आज राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने तहसीलवार बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन, अविवादित नामांतरण, विवादित खाता विभाजन, मसाहती सर्वेक्षण एवं मुआवजा वितरण आदि से संबंधित लंबित प्रकरणों की जानकारी लेकर प्रकरणों के तेजी से निराकरण के निर्देश दिए। बैठक में तहसील कार्यालयों के रीडर भी शामिल हुए।
कलेक्टर ने ई-कोर्ट में दर्ज प्रकरणों की अद्यतन स्थिति जानने और प्रकरणों के लंबित होने के वास्तविक कारणों की जानकारी लेने सभा कक्ष में ही कम्प्युटर के माध्यम से रीडरों के आईडी से प्रकरणों का आनलाइन अवलोकन किया। उन्होंने लंबित प्रकरणों के कारणों की जानकारी रीडरों से लेकर लंबित के कारणों को आनलाइन दर्ज नहीं करने वाले रीडरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश अपर कलेक्टर को दिए। कलेक्टर ने राजस्व न्यायालयीन प्रक्रिया संबंधी ज्ञान को परखने के लिए वाचको का टेस्ट भी लिया। टेस्ट में वैकल्पिक उत्तरों युक्त 50 प्रश्नों से समाहित प्रश्न पत्र दिए गए। प्रश्न पत्र में भू-राजस्व संहिता की विभिन्न धाराओं और राजस्व न्यायालयीन प्रक्रियाओं की सामान्य जानकारी से संबंधित प्रश्न पूछे गए।
कलेक्टर श्री झा ने राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों को कहा कि राजस्व न्यायालय की गरिमा को बनाये रखते हुए अनुशासन और गंभीरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। समय सीमा के भीतर ही प्रकरणों का निराकरण किया जाए। आदेश पारित होने के पश्चात् अभिलेख दुरूस्ती के काम को भी समय में संपादित करें। उन्होंने पटवारियों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में रीडरों की भी उपस्थिति सुनिश्चित करने और पटवारी प्रतिवेदन के लिए लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ बैठक में समीक्षा करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। बैठक में अपर कलेक्टर द्वय विजेंद्र पाटले, प्रदीप साहू, संयुक्त कलेक्टर सेवा राम दीवान, एसडीएम पाली शिव बनर्जी, एसडीएम कोरबा श्रीमती सीमा पात्रे, एसडीएम कटघोरा कौशल तेंदुलकर सहित सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं वाचकगण शामिल हुए।
0 अतिरिक्त टीम लगाकर निपटाएं सीमांकन प्रकरण
कलेक्टर ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर ई-कोर्ट के प्रकरणों में अभिलेख दुरूस्ती के कार्य को पूरा किया जाए। अविवादित नामांतरण, डायवर्जन एवं सीमांकन आदि के प्रकरण समय सीमा से बाहर नहीं होना चाहिए। आरआई और पटवारियों की अतिरिक्त टीम लगाकर सीमांकन के प्रकरणों के त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में मसाहती सर्वे, स्वामित्व योजना, नजूल भू-भाटक वसूली, नजूल भूमि आबंटन एवं भू-अर्जन के लंबित मुआवजा वितरण की भी जानकारी ली। मुआवजा वितरण के प्रकरणों के निराकरण के लिए एवं हितग्राहियों को मुआवजा वितरण सुनिश्चित करने के लिए शिविर लगाने के निर्देश दिए। लंबित प्रतिवेदनों के कारण रूके हुए प्रकरणों में संबंधितों से प्रतिवेदन मंगवाकर तेजी से प्रकरण नस्तीबद्ध करने के निर्देश दिए।