कोरबा। कार्य के दौरान तबियत बिगडऩे के बाद अस्पताल में भर्ती कर्मचारी की मौत हो गई लेकिन नियोक्ता कंपनी ने उक्त कर्मचारी के ईलाज से लेकर परिवार वालों को दी जाने वाली सहायता से मुंह मोड़ लिया। ऊर्जाधानी संगठन ने पहल कर पीडि़त परिवार को राहत प्रदान करवाया है।
एसईसीएल की दीपका परियोजना के अधीनस्थ केसीसीएल कलिंगा निजी कंपनी को कोयला और मिट्टी का काम दिया गया है। कलिंगा कंपनी प्रबंधन ने श्रमिक और मशीनों की सुरक्षा के लिए विनर सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी को काम दे रखा है। इसी एजेंसी के अधीनस्थ नियोजित लकेश्वर प्रसाद टण्डन पिता बाबूलाल टण्डन 35 वर्ष सुरक्षा पोस्ट के पद पर कार्यरत थे। मूलत: ग्राम कुकदा जिला जांजगीर-चांपा निवासी लोकेश्वर प्रसाद टण्डन की 11 मई 2023 को रात्रिकालीन ड्यूटी के दौरान सुबह 4 बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई। कलिंगा के अधिकारी व सिक्योरिटी सर्विस के सुपरवाइजर व अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा एनसीएच हॉस्पिटल पहुंचाया गया। यहां से जिला अस्पताल और फिर जिला अस्पताल से रेफर किए जाने पर 12 मई को बिलासपुर के एसकेबी अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों की सहमति से लकेश्वर का ऑपरेशन किया गया और 13 मई को रात्रि 1 बजे लखेश्वर की मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि निजी कंपनी व सुरक्षा एजेंसी के द्वारा सहयोग नहीं किया गया जिसके कारण पूरा खर्च पीडि़त परिवार को उठाना पड़ा।
इस मामले में ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के मीडिया प्रभारी ललित महिलांगे व सामाजिक कार्यकर्ता उमा गोपाल ने पहल कर मृतक की पत्नी झूलबाई टंडन एवं 3 बच्चों को राहत दिलाने कलिंगा कंपनी और विनर सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी से मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी व मेडिकल खर्च की मांग की। इसके लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक कंपनी के द्वारा आनाकानी किया गया तब मृतक के परिवार के साथ चक्काजाम कर एनटीपीसी के लिए कोयला सप्लाई वाली साईलो को शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक बंद किया गया। चक्काजाम की जानकारी पर समझाइश में 50 हजार रुपये, एक सदस्य को नौकरी तथा उपचार में खर्च हुए राशि की वापसी और मृतक के इपीएफ की राशि वापसी करने का लिखित में आश्वासन दिया गया।