हिमांशु डिक्सेना कोरबा -: शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाला सरस्वती शिशु मंदिर माचाडोली में कमीशन खोरी का खेल फल फूल रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां सरस्वती शिशु मंदिर संचालित है जिसमें बांगो, पाथा तथा आसपास के गाँव के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं । स्कूल प्रबंधन ध्यान दे रहा है। नतीजतन नन्हे बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बच्चों को ढोने वाले वाहन का ना तो स्कूली परमिट है ना ही कोई शासकीय दस्तावेज पुख्ता है। जब इसकी शिकायत ग्रामीणों ने परिवहन विभाग से कि तो परिवहन विभाग महज खानापूर्ति करते हुए स्कूल प्रबंधन को समझाइश देते हुए चालानी कार्यवाही की बात कह कर चल दिये। लेकिन आज भी बच्चों को बिना परमिट के स्कूल बस में बिठाया जा रहा है । अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो इसके जिम्मेदार कौन होंगा ?