जगदलपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : बीते 6 महीनों से कोरोना के कारण हर त्योहार फीका रहा, लेकिन अब कोरोना का डर लोगों में थोड़ा कम हुआ है. पहले मुकाबले कई कार्यक्रम और त्योहार में कुछ हद तक छूट दी जा रही है. पहले नवरात्रि में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर में हजारों मनोकामना ज्योत जलते थे, वो इस साल कोरोना के कारण केवल 11 ज्योत ही प्रज्वलित किये जाएंगे. ये ज्योत मंदिर कमेटी द्वारा जलाए जाएंगे.

17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. दंतेवाड़ा और जगदलपुर में मां दंतेश्वरी मंदिर में इस बार बाहरी श्रद्धालुओं के ज्योति कलश नहीं जलाए जाएंगे. इसके साथ-साथ अन्य आयोजनों पर भी इसका असर होगा. मनोकामना ज्योति कलश जलाने के लिए 101 ज्योति कलश केवल दंतेवाड़ा में जलाए जाएंगे, जबकि जगदलपुर में केवल 11 ज्योति कलश जलाए जाएंगे. यह ज्योति कलश भी उन लोगों के होंगे जो प्रबंधन कमेटी या वर्षों से मंदिर से जुड़े हुए हैं.

कमेटी नवरात्रि की तैयारियों में जुटी

इसमें पुजारी और राज परिवार के लोग शामिल हैं. टेंपल कमेटी ने निर्णय लिया है कि पिछली बार जहां 3000 से अधिक ज्योति कलश स्थापित किए गए थे, इस बार जगदलपुर मां दंतेश्वरी मंदिर में सिर्फ 11 ज्योति कलश में जलाए जाएंगे. यज्ञ और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों पर भी नियमानुसार पाबंदी रहेगी. यह शारदीय नवरात्र में पहली बार होगा. जब पूरे 9 दिन आयोजनों पर लगभग प्रतिबंध रहेगा. हर साल सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल देवी के दर्शन के लिए 90 किमी तक जाते थे, लेकिन इस बार श्रद्धालु कोरोना महामारी के कारण दर्शन नहीं कर पाएंगे. निश्चित दायरे में ही पूजा और विभिन्न आयोजनों की अनुमति दी गई है और टेंपल कमेटी नवरात्रि की तैयारियों में जुट गई है.

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