कोरबा। मार्च के महिने में हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बारिश के कारण जहां सब्जी की फसल पर कीटों का खतरा मंडराने लगा है। वही कई एकड़ में लगी गेहूं की फसल भी बर्बाद हुई है। बारिश का क्रम इसी तरह जारी रहा तो किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है।
जानकारी के अनुसार बेमौसम हुई वर्षा ने ग्रीष्म की फसल लेने वाले किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। टमाटर, फूल गोभी और मिर्ची के पौधों में बीमारी पनपने लगी है। गांवों में लगाए गए 40 एकड़ से भी अधिक गेहूं के फसल तेज हवा की वह से धराशायी हो गए हैं। जिले में दो दिनों के भीतर 20.13 मिमी वर्षा हो चुकी है। आगामी दो दिनों तक मौसम असमान्य रहने की संभावना है। ऐसे नुकसान में वृद्धि की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।पिछले 48 घंटे से मौसम में बदमिजाजी का आलम है। वर्षा के साथ वातावरण में नमी घुल गई है। जिसका सीधा असर मौसमी फसलों पर पडऩे लगा हैं। धान के बदले अन्य फसल और कम लागत में अधिक उत्पादन को प्रोत्साहित किए जाने के कारण इस वर्ष किसानों ने गेहूं, अलसी और सब्जी की फसल ली है। चार दिन पहले मौसम साफ होने की वजह से किसानों ने कटाई की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए खेतों से पानी का भराव कम किया जा रहा था। बताना होगा शुक्रवार की तुलना में शनिवार को वर्षा का व्यापक असर रहा है। पोड़ी-उपरोड़ा और कोरबा तहसील में अधिक वर्षा दर्ज की गई है। ग्रामीण फिरतराम ने बताया कि बेमौसम वर्षा की वजह गेहूं फसल को काफी नुकसान हुआ है। मिर्ची की फसल में बीमारियां आने लगी है। व्यवसायिक खेती करने वाले किसानों का कहना है कि सर्वाधिक नुकसान टमाटर की फसल को हुआ है। फूल गोभी की फसल पर वर्षा विपरीत असर देखा जा रहा है। अनाज और सब्जी के अलावा दलहन फसलों में चना की कटाई के लिए वर्षा बाधा बनी हुई हैं। मौसम विज्ञान ने आगामी दो दिनों तक आसमान में बदली के साथ बूंदा-बांदी की संभावना व्यक्त की है।