बिलासपुर। आवास और भूमिहीनों के नाम सरकार ने पट्टा देकर मालिकाना हक देने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रशासन ने बाकायदा टीम बनाकर सर्वे करने के निर्देश दिए थे। लेकिन स्थानीय लोगों ने सर्वे टीम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इस मामले को कलेक्टर सौरभ कुमार ने दोबारा सर्वे कराने के लिए टीम बनाने के निर्देश दिए। इसके परिप्रेक्ष्य में लिंगियाडीह क्षेत्र में राजस्व और निगम अमले ने बुधवार को सर्वे शुरू कर दिया है। राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत पट्टा जारों करने के लिए दो साल पहले सर्वे किया गया था, लेकिन गुपचुप तरीके से सर्वे सूची जारी कर अधिकांश लोगों को अपात्र घोषित कर दिया था। कलेक्टर सौरभ कुमार में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोवारा सर्वे कराने के लिए एसडीएम को निर्देशित किया हर बार टीएल की बैठक के में इस पर अपडेट भी लेते रहे। इससे अब बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र को छह भागों में बांटकर सर्वे के लिए टीम बनाई है। इसी कड़ी में 22 सितंबर को प्राधिकृत अधिकारी एसडीएम तुलाराम गारद्वाज के नेतृत्व वाली टीम ने दूसरों बार सर्वे का कार्य आरंभ कर दिया है। लिंगियाडीह हलका नंबर 31 के पटवारी अशोक कुमार ध्रुव के नेतृत्व में नगर निगम सहायक आरआइ राजेंद्र देवांगन, अशोक साहू, अशोक यादव के साथ प्लेसमेंट के कर्मचारी और स्थानीय लोगों की टीम ने बुधवार को रामनगर क्षेत्र में सर्वे आरंभ किया। प्रशासन और निगम को इस पहल से राजीव गांधी आश्रय योजना के पात्र परिवारों के चेहरे खिल गए।

1200 का सर्वे, 700 अपात्र

नगर निगम क्षेत्र के लिंगियाडीह दुर्गानगर, श्याम नगर और आसपास इलाके में पिछली बार 1200 लोगों का सर्वे किया गया था। इसमें महज 500 लोगों के नाम पात्रता सूची में दर्ज हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नाम कैसे कट गए, सर्वे टीम इस बात को ध्यान में रखते हुए पात्र 500 के साथ क्षेत्र में निवास करने वालों के आवास का सर्वे सूची भी तैयारी कर रही है।

सर्वे के दौरान इन बातों का रख जा रहा ध्यान

शासन की योजना के तहत सिर्फ ऐसे परिवारों का इस योजना का लाभ मिलेगा, जिनके घरों की छत ककोट के नहीं है। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि जमीन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के दायरे में तो नहीं आ रही है। मकान के आसपास नाला, सड़क से लगी या फिर कोई शासकीय भवन निर्माण के लिए भूमि प्रस्तावित होने पर सर्वे सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।

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