सात दिवस में मुआवजा नहीं तो रेल पथ पर फसल लगाएंगे किसान
कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में पुरैना मड़वाढोढ़ा के पास ग्रामीणों ने लाल झंडे गाडक़र रेल कॉरिडोर के काम को बंद कराते हुए रेल पथ पर कब्जा कर लिया। सात दिवस में मुआवजा का निराकरण नहीं होने पर रेल कॉरिडोर के पथ पर जोताई कर फसल की बुआई करने का ऐलान किया गया। 
किसान गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर निर्माण के लिए पुरैना के पास पुल निर्माण काम रूकवाकर विरोध प्रदर्शन में बैठे गए बांकी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ और कटघोरा के नायाब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। प्रभावित किसान शिवरतन सिंह कंवर, मोहपाल सिंह, अजित सिंह, जगदीश, भैया राम ने आरोप लगाया कि उनकी अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा उन्हें अभी तक मिला नहीं है और अपनी जमीन रेल कॉरिडोर में जाने के बाद दो साल से कार्यालयों का चक्कर काट कर थक चुके हैं। नायब तहसीलदार ने किसानों को आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्या का निराकरण किया जाएगा लेकिन किसान मुआवजा मिलने तक काम बंद करने पर अड़े रहे। 
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला ढुलाई को आसान बनाने के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए सैकड़ों गांवों के हजारों किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिनमें से अधिकांश आदिवासी, दलित और कमजोर तबके से जुड़े हैं। आंदोलन में किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा, अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दामोदर श्याम, दीना नाथ, कृष्णा, संजय यादव, रामायण सिंह कंवर, अजीत सिंह, शिवरतन सिंह कंवर, जगदीश सिंह कंवर, दरबार सिंह आदि प्रभावित किसान शामिल हुए।

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